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October 12, 2024

Baidhnath Temple in Hindi: जानिये बैधनाथ धाम के बारे में जहाँ भगवान् शिव साक्षात विराजमान है                          

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Baidhnath Temple Jyotirlinga: जानिये बैधनाथ धाम के बारे में जहाँ भगवान् शिव साक्षात विराजमान है
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Baijnath Temple Deoghar-बैद्यनाथ धाम की सम्पूर्ण जानकारी

बैधनाथ धाम भगवान् शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। बैधनाथ भगवान् शिव का एक नाम है। बैधनाथ मंदिर में भगवान् शिव साक्षात विराजमान है।

बाबा बैधनाथ नाथ एक सिद्ध पीठ है। ऐसा कहा जाता है की यहाँ के दर्शन मात्रा से ही सबकी मनोकामना पूरी हो जाती है। इसलिए यहाँ के शिवलिंग को कामना लिंग भी कहते है। भगवान् शिव का यही एक ऐसा ज्योतिर्लिंग है जहां भगवान् शिव के साथ माता पार्वती भी विराजमान है और उनकी भी पूजा होती है। यह वह स्थान है जहां माता सती के शरीर के टुकड़े होने के बाद उनका ह्रदय गिरा था। इसलिए इस स्थान को ह्रदय पीठ भी कहते है।

बैधनाथ मंदिर कहाँ स्थित है-Baidhnath Temple Location

बाबा बैधनाथ मंदिर भारत के झारखण्ड राज्य के देवघर नामक क्षेत्र में स्थित है।

बैधनाथ धाम कथा-Baidhnath Dham Story

पुराणों के अनुसार रावण ने शिव जी को प्रसन्न करने के लिए हिमालय पर्वत पर घोर तपस्या की थी। जिसके लिए रावण ने अपने सिर काटकर भगवान शिव को समर्पित कर दिया था। रावण एक एक करके अपने सिर शिवलिंग पर अर्पण कर रहा था। इस प्रकार उसने अपने नौ सिर अर्पण कर दिए थे। जैसे रावण अपना दसवां सिर अर्पण करने लगा वैसे ही वहां प्रभु भोले शंकर प्रकट हो गए। भगवान् शिव रावण की तपश्या से बहुत प्रसन्न हुए और रावण को वरदान मांगने के लिए कहा । रावण ने वरदान के रूप में शिव जी से कहा की वह उसके साथ चले और लंका में शिवलिंग रूप में स्थापित हो जाये।

भगवान शिव ने कहा कि वह उसकी लंका में शिवलिंग के रूप में अवश्य स्थापित होंगे परंतु इसके साथ एक शर्त भी तुम्हे माननी होगी। रावण ने कहा प्रभु आपकी सभी शर्त मानूँगा आप बताये। भगवान् शिव बोले यदि वह उनके शिवलिंग रूप को ले जाते समय कहीं भी जमीन पर रख दोगे तो यह शिवलिंग उसी स्थान पर स्थापित हो जाएगा जहां वह रखा जायेगा। यह स्वीकार कर रावण भगवान शिव के शिवलिंग रूप को अपने साथ लेकर लंका की ओर चलने लगा परंतु बीच में उसको लघुशंका आ गई और वह किसी व्यक्ति को शिवलिंग उसके हाथों में देने के लिए इधर-उधर देखने लगा। तभी विष्णु भगवान् ने आकर अपना वेश बदल लिया और रावण को शिवलिंग उनको देने के लिए कहा रावण ने जल्दी में शिवलिंग प्रभु विष्णु के हाथ में दे दिया और वहां से चला गया। विष्णु जी ने प्रभु की माया के अनुसार उस शिवलिंग को वहीं जमीन पर रख दिया। जिससे वह शिवलिंग वहीं स्थापित हो गया। रावण बहुत कोशिश के बाद भी शिवलिंग अपने साथ न ले जा सका। विष्णु भगवान् और सभी देवी देवताओ ने पृथ्वी पर आकर उस शिवलिंग की पूजा अर्चना की और उसको स्थापित कर दिया। इस प्रकार जिस जगह शिवलिंग रखा वहां उसकी स्थापना होने के कारण उस जगह का नाम बैद्यनाथ धाम के नाम से पड़ गया।

बैधनाथ मंदिर दर्शन समय-Baidhnath Dham Darshan Timing

सुबह : 4 बजे से 4 :30 तक
शाम : 6 बजे से 9 बजे तक
मंगला आरती : सुबह 4 बजे
दोपहर भोग आरती : दोपहर 12 बजे
संध्या आरती : शाम 7 बजे

Baidhnath Temple Jyotirlinga: जानिये बैधनाथ धाम के बारे में जहाँ भगवान् शिव साक्षात विराजमान है

बैधनाथ मंदिर लाइव दर्शन बुकिंग-Baidhnath Dham Mandir live darshan booking

बैधनाथ मंदिर में कोरोना काल के बाद से दर्शन की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा उपलब्ध हो गई है। इसके लिए आप वेबसाइट  पर जा कर अपनी बुकिंग के लिए E-PASS ले सकते है। E- PASS लेने के लिए वेबसाइट पर दर्शन के सेक्शन में जाए और पेमेंट करने के बाद अपना पास जेनेरेट कर ले।

बैधनाथ मंदिर ऑफिसियल वेबसाइट (Baidhnath mandir official website):-   www.babadham.org

बैधनाथ मंदिर कॉन्टैक्ट नंबर (Baidhnath mandir contact number)
09430322655

बैधनाथ धाम के पास घूमने लायक अन्य स्थान-Places to Visit Near Baidnath Temple

बैजू मंदिर (Baiju Temple)
बैजू मंदिर बाबा बैधनाथ मंदिर से पश्चिम की ओर देवघर के मुख्य बाजार में स्थित है। यहाँ तीन मंदिर बने हुए है जिनमे की भगवान् शिव विराजमान है। इन्ही मंदिरो को वैजू मंदिर कहा जाता है। यदि आप बाबा बैधनाथ धाम आते है तो यहाँ जरूर आये।

वासुकीनाथ मंदिर (Vasukinath Temple)
वासुकीनाथ मंदिर देवघर से करीब 42 किलोमीटर की दूरी पर झरमुंडी गांव में है। ऐसा कहा जाता है की बैधनाथ धाम के दर्शन करने के बाद वासुकीनाथ के दर्शन करना अत्यंत आवश्यक है। यदि बैधनाथ के दर्शन के बाद आप यहाँ नहीं आते है तो आपके दर्शन अधूरे माने जाते है। इस लिए वक़्त निकाल कर आप यहाँ जरूर आये।

त्रिकूट पर्वत (Trikut parvat)
त्रिकूट पर्वत बैधनाथ से करीब 10 किलोमीटर दूर है। यहाँ आप त्रिकेटेश्वर मंदिर , ऋषि दयानन्द आश्रम के दर्शन कर सकते है। साथ ही साथ आप यहाँ ट्रैकिंग , रोपवे आदि जैसी एक्टिविटी कर सकते है।

नौलखा मंदिर (Naulakha Temple)
नौलखा मंदिर भगवान् कृष्ण ओर राधा को समर्पित है। यह मंदिर बैधनाथ धाम के निकट है।

नंदन पहाड़ (Nandan Pahar)
नंदन पहाड़ बैधनाथ मंदिर से करीब 3 किलोमीटर दूर उत्तर पश्चिम में है। यहाँ आपको भगवान् शिव , माता पार्वती ,प्रभु कार्तिकेय ओर गणेश के कई मंदिर देखने के लिए मिल जायेगे। साथ साथ आप यहाँ प्रकृति का आनंद भी उठा सकते है।

बाबा बैधनाथ घूमने का उत्तम समय-Best time to visit baidhnath temple

बाबा बैधनाथ के दर्शन करने के लिए आप कभी भी जा सकते है। साथ साथ आप अक्टूबर से मार्च के बीच भी जा सकते है। इस देवघर का मौसम बहुत अच्छा रहता है।
इन के अलावा आप महा शिवरात्रि , सावन , दिवाली , तथा अन्य त्योहारों पर जा सकते है। इस समय यहाँ अनेक प्रकार के मेलो का आयोजन भी होता है।

Baidhnath Temple Jyotirlinga: जानिये बैधनाथ धाम के बारे में जहाँ भगवान् शिव साक्षात विराजमान है

बाबा बैधनाथ मंदिर के निकट धर्मशाला-Dharmshala near by Baba Baidhnath temple

गौरी आश्रम – यह धर्मशाला देवघर में स्थित है। देवघर बस स्टैंड से दूरी 1 किलोमीटर।

पार्वती कुटीर – यह धर्मशाला बाबा बैधनाथ मंदिर के निकट ही स्थित है। बाबा बैधनाथ मंदिर से दूरी 300 मीटर।

पुष्पांजलि भवन – यह धर्मशाला देवघर में स्थित है। देवघर बस स्टैंड से दूरी 2 किलोमीटर।

ज्ञान गंगा आश्रम – यह धर्मशाला बाबा बैधनाथ मंदिर के निकट स्थित है मात्रा 90 मीटर की दूरी पर।

कैसे पहुंचे बाबा बैधनाथ धाम-How to reach Baidhnath temple

फ्लाइट द्वारा – आप देवघर एयरपोर्ट पर उतर कर। वहां से आसानी से बाबा बैधनाथ पहुंच सकते है। देवघर एयरपोर्ट से दूरी 9 किलोमीटर

रेल द्वारा – देवघर रेलवे स्टेशन उतर कर आसानी से बाबा बैधनाथ पंहुचा जा सकता है। देवघर रेलवे स्टेशन से दूरी करीब 3 किलोमीटर

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