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January 15, 2025

Sarnath Me Ghumne Ki Jagah:सारनाथ में घूमने के 10 अद्भुत स्थान

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सारनाथ: Best Places to Visit in Sarnath in Hindi, Best time to visit Sarnath, And How to reach Sarnath
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Places to Visit in Sarnath

सारनाथ, वाराणसी से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। सारनाथ शहर की भूमिका बौद्ध धर्म में बेहद खास है। यह ही वह स्थान है जहां पर गौतम बुद्ध ने पहली बार धर्म की शिक्षा दी थी। साथ ही साथ गौतम बुद्ध ने अपना पहला उपदेश भी यही दिया था। सारनाथ बौद्ध धर्म के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। इस पोस्ट में हम आपको सारनाथ में घूमने की अच्छी जगहों के बारे में जानकारी देंगे।

Tourist Places in Sarnath:सारनाथ में घूमने लायक स्थान

1- धमेख स्तूप (Dhamekh Stupa)

धमेख स्तूप सारनाथ का प्रमुख स्तूप है। यही वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने अपने शिष्यों को पहला अस्टमार्गिक उपदेश दिया था। यह स्तूप बेलनाकार रूप में ईंटो से बना हुआ है।

2- चौखंडी स्तूप (Chaukhandi Stupa)

चौखंडी स्तूप का निर्माण उस स्थान पर हुआ है जहां गौतम बुद्ध पहली बार अपने शिष्यों से मिले थे।

3- थाई मंदिर

थाई मंदिर सारनाथ में बेहद प्रसिद्ध और खास है। इस मंदिर का निर्माण और रख रखाव कार्य थाई बौद्ध भिक्षुओ द्वारा किया जाता है।

4- तिब्बती मंदिर

तिब्बती मंदिर सारनाथ के मुख्य मंदिरो में से एक है। तिब्बती मंदिर की वास्तु कला बेहद खूबसूरत है। मंदिर को थांगक्सा बौद्ध पेंटिंग से सजाया गया है।

5- सारनाथ पुरातत्व स्थल (Sarnath Museum)

सारनाथ पुरातत्व स्थल व् स्थान है जहां गौतम बुद्ध ने अपने उपदेशो का प्रचार करना शुरू किया था।

6- पुरातत्व संग्राहलय

यह भारत के प्राचीन पुरातत्व संग्राहलयों में से एक है। यहाँ 12 वी शताब्दी की कई कलाकृतियों को संगृहीत किया गया है।

7- धर्मराजिका स्तूप

यह वह स्थान है जहां गौतम बुद्ध के शरीर के अवशेषों को दफनाया गया है। गौतम बुद्ध के शरीर के अवशेषों को 10 भागो में विभाजित कर के दस अलग अलग भागो में दफनाया गया है।

8- महा बोधि सोसाइटी मंदिर

सारनाथ का महा बोधि सोसाइटी मंदिर बौद्ध धर्म के प्राचीन मंदिरो में से एक है।

9- अशोक स्तंभ (Ashok Pillar)

अशोक स्तंभ वह स्तंभ है जहां से भारत का राष्ट्रीय प्रतिक लिया गया है। अशोक स्तंभ पत्थर से निर्मित 50 मीटर ऊँचा स्तंभ है।

10- मूल गंध कुटी विहार (Mulgandh kuti vihar)

मूल गंध कुटी विहार यहाँ पर बोधि वृक्ष है जो की इस स्थान की खासियत है। यह वृक्ष बोधगया के उस पेड़ के पौधे से लगाया है जहां गौतम बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सारनाथ घूमने का उत्तम समय

आप सारनाथ घूमने के लिए कभी भी जा सकते है। यदि आप सारनाथ की सांस्कृतिक सुंदरता देखना चाहते है तो आप सारनाथ बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर जाएं। इस दीन सारनाथ में अनेक कार्यक्रम आयोजित किये जाते है.

इस दिन को गौतम बुद्ध के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान् बुद्ध की मूर्ति को पानी और फूलो से भरे एक बेसिन में रखा जाता है फिर उनके उपदेशो को याद किया जाता है।

सारनाथ कैसे पहुंचे

फ्लाइट द्वारा (How to reach Sarnath by Air)- फ्लाइट द्वारा आप आसानी से सारनाथ पहुंच सकते है। इसके लिए आप वाराणसी एयरपोर्ट  पर उतर कर वहां से कैब या टैक्सी कर सकते है। वाराणसी एयरपोर्ट से सारनाथ की दूरी 25 किलोमीटर।

ट्रैन द्वारा (How to reach Sarnath by Train)- ट्रैन द्वारा वाराणसी जंक्शन रेलवे स्टेशन पर उतर कर आसानी से सारनाथ पहुंच सकते है। वाराणसी रेलवे स्टेशन से सारनाथ की दूरी 8 किलोमीटर। 

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