भगवान श्रीकृष्ण के जीवन के प्रमुख स्थलों में से एक वृंदावन भी है, जहां पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं का रास रचाया और सम्पूर्ण सृष्टि को प्रेम का पाठ पढ़ाया। यहां स्थित रंगमहल में भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी का पलंग और श्रृंगार का सामान रख पट बंद कर दिए जाते हैं, जब सुबह मंदिर खुलता है तो सारे सामान अस्त-व्यस्त हो जाते हैं। पूरे वृंदावन में तुलसी के पौधे अधिक मात्रा में पाएं जाते हैं और तुलसी का एक नाम वृंदा भी है, तो इसी कारण इसका नाम वृंदावन पड़ा। यदि आप भी वृंदावन आए हैं, तो यहां पर स्थित यादव धर्मशाला की सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में उपलब्ध हो जाएगी।
श्री यादव चैरिटेबल ट्रस्ट, नई दिल्ली द्वारा यादव समाज के दान वीरों के सहयोग से वृंदावन में बनाया गया यह यादव भवन बिल्कुल नवनिर्मित है, जिसकी सुविधाएं किसी होटल से कम नहीं है। लगभग 1500 वर्ग गज में बनी हुई यह 3 मंजिला धर्मशाला यहां आने वाले श्री कृष्ण भक्तों को आवास की बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराती है। यह धर्मशाला सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, यादव चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा यात्रियों को धर्मशाला में अच्छी सुविधाएं दिलाने का भरसक प्रयास किया जाता है। धर्मशाला के बेसमेंट में एक विशाल हॉल है जहां पर संकीर्तन, भंडारा, हवन, सभा जैसे धार्मिक कार्य किए जा सकते हैं। धर्मशाला के भूतल वाले फ्लोर पर स्वागत रूम, रसोई और भोजन गृह हैं। धर्मशाला के ऊपर की दो मंजिल पर कुल 24 रूम बने हुए हैं, जो कि सभी वातानुकूलित है।
धर्मशाला के सामने ही वृंदा वाटिका भी बनी हुई है, जो आपको प्राकृतिक अनुभव प्रदान करती है। धर्मशाला में ऊपर पहुंचने के लिए लिफ्ट और नहाने के लिए बाथरूम में गीजर लगा हुआ है। इस धर्मशाला से प्रेम मंदिर तक आप आराम से पैदल ही पहुंच सकते हैं। धर्मशाला के प्रत्येक रूम में खिड़की और वेंटिलेशन लगा हुआ है। यहां की कैंटीन में आपको ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर की सुविधाएं मिल जाती है, जहां का खाना आपको घर जैसा अनुभव प्रदान करता है। यहां आपको थाली सर्विस भी मिल जाती है, जिसका मूल्य ₹120 प्रति थाली होता है।
धर्मशाला का पता
Rukmani Vihar, Vrindavan, Uttar Pradesh, 281121.
(रूक्मणी विहार, वृंदावन, उत्तरप्रदेश, 281121)
तो दोस्तों यदि आप भी श्रीकृष्ण की लीलाओं की नगरी वृंदावन आए हैं, तो यहां की यदुवंशी भवन में जरूर ठहरिएगा और हमें कमेंट करके बताया कि यह पोस्ट आपको कैसी लगी।
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