बाड़मेर राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा जिला हैं। बारमेर में भारत का सबसे अधिक तेल और कोयला पाया जाता हैं। इसलिए इसे भारत का दुबई कहा जाता हैं। बाड़मेर की स्थापना बहाड़ राव ने सन् 1552 ई0 में किया था। राजा बहाड़ राव के नाम पर ही बाड़मेर का नाम रखा गया। ‘मालाणी’ के नाम से मशहूर बारमेर अपनी जीवंतता के कारण सैलानियों के लिए आकर्षण केंद्र है। बाड़मेर की यात्रा की खासियत यह भी है, कि आपको राजस्थान के ग्रामीण जीवन-काल से रूबरू कराता है।
Barmer Famous Place:बाड़मेर में घूमने के प्रमुख केंद्र
1- बाटाड़ू का कुआँ
राजस्थान के बायतू तहसील के बाटाड़ू कस्बे में बना हुआ, यह एक संगमरमर से निर्मित कुआं है। जिसे जलमहल के नाम से भी जाना जाता है, यह कुआं कलात्मकता व धार्मिक आस्था के लिए मशहूर हैं।
2- ब्रह्मधाम आसोतरा (Brahmadham Asotara)
बाड़मेर के बालोतरा उपखण्ड मुख्यालय से 12 किमी दूर आसोतरा गांव है। इसी गांव में विश्व का दूसरा ब्रह्मा (ब्रह्मधाम आसोतरा) मन्दिर स्थित हैं। यह भगवान ब्रह्मा की मंदिर हैं।
3- मल्लीनाथ मेला (Mallinath )
तिलवाड़ा में आयोजित किए जाने वाला एक मेला है। यह विशेष रूप से पशुमेला हैं, तथा यह मेला राज्य का तीसरा सबसे बड़ा मेला है। इस मेले को चैत्र बुदी एकादशी से चैत्र सुदी एकादशी (मार्च-अप्रैल) में आयोजित किया जाता है।
4- सिद्वेश्वर महादेव मेला महाबार
सिद्वेश्वर महादेव का मन्दिर महाबार रोड़ पर स्थित है। यहां महादेव जी के साथ, सन्तोषीमाता, बंजरग बली आदि के भी मन्दिर है। यहां पर हर वर्ष श्रावण महिने में प्रत्येक सोमवार को मेला लगता है, और अंतिम सोमवार को रात्रि में भजन संध्या का आयोजन किया जाता है।
5- सुंईया मेला
सुंईया मेला बाड़मेर के चौहटन कस्बे में सांईया महादेव के मंदिर पर हर वर्ष कृष्ण पक्ष अमावस्या की सोमवती अमावस्या को मुहूर्त पर लगता हैं।
6- आलम नगरी धोरीमना
बाड़मेर जिले में साचौँर मार्ग पर स्थित भगवान श्री आलमजी का पावन मन्दिर है यहां हर वर्ष जनवरी के महीने में पशु मेला लगता हैं।
7- खेड़ (Vishnu Temple, Barmer)
बाड़मेर के खेड़े में भगवान विष्णु का मंदिर बहुत ही आकर्षण और भभ्य मंदिर हैं। मंदिर के द्वार पर गुरुड़ की प्रतिमा लगी है। जिसे देखने के लिए सैलानि खींचे चले आते हैं।
8- मेवा नगर नाकोड़ा
मेवानगर नाकोड़ा राजस्थान व जैन धर्म का सबसे प्रमुख तीर्थ है। यहां हर वर्ष करोड़ो श्रद्धालु आते है।
इस गांव में तीन जैन मंदिर हैं, तथा 12 वीं शताब्दी इस गांव को विरानीपुर के नाम से जाना जाता था।
बारमेर जाने का उत्तम समय
बाड़मेर घूमने के लिए सबसे बेस्ट समय मार्च का महीना होगा। इस समय यहां का तापमान काफी आरामदायक होता है। न्यूनतम 18°C से अधिकतम 32°C तापमान रहता है। लगभग 3 से 8 दिनों की बारिश की उम्मीद भी होती है। इस समय यहा पर बहुत से स्थानीय महोत्सव भी मनाए जाते है, और इसी समय (मार्च-अप्रैल) राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा मेला मल्लीनाथ मेला भी आयोजित किया जाता है।
बाड़मेर कैसे पहुंचे
ट्रैन द्वारा (How to Reach Barmer by Train) – बाड़मेर रेलवे स्टेशन जोधपुर रेलवे स्टेशन से जुड़ा हुआ हैं। आप जोधपुर रेलवे स्टेशन से होते हुए बाड़मेर रेलवे स्टेशन पर उतर कर आसानी से बाड़मेर की यात्रा कर सकते है
फ्लाइट द्वारा (How to Reach Barmer by Air) – बाड़मेर में कोई हवाई अड्डा नहीं हैं। निकटतम हवाई अड्डा जोधपुर में हैं जो लगभग 220 km की दूरी पर स्थित हैं।
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