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September , 2024

Vaishno Devi Gufa- जानिये वैष्णो देवी गुफा का रहस्य एवं इतिहास

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Vaishno Devi Gufa- जानिये वैष्णो देवी गुफा का रहस्य एवं इतिहास
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जानिये वैष्णो देवी गुफा का रहस्य एवं इतिहास

माता वैष्णो देवी मंदिर प्राचीन एवं हिंदू धार्मिक स्थलों में से एक है। माता वैष्णो देवी धाम में आने वाले हर भक्त की मनोकामना मातारानी जरूर पूरी करती है और इसी प्रचलित आस्था के चलते लाखों भक्त हर साल माता के दर पर उनके दर्शन करने आते हैं। माता के दर पर पहुंचने के लिए भक्तों को गुफा से होते हुए जाना होता है। आइए जानते हैं Vaishno Devi Gufa के बारे में।

Vaishno Devi Gufa Story- वैष्णो देवी गुफा की कहानी

माता वैष्णो देवी मंदिर में माता रानी की विद्यमान स्वरूप के दर्शन करने के लिए भक्तों को प्राचीन गुफा में से होते हुए जाना होता है लेकिन यह गुफा काफी तंग है और इस गुफा को पार करने में सिर्फ अकेले व्यक्ति को ही कुछ समय लग जाता है।‌ प्राचीन समय से भक्त इसी गुफा को पार करके माता के विद्यमान स्वरूप तक पहुंचते थे लेकिन भक्तों की सुरक्षा तथा आस्था को देखते हुए माता वैष्णो देवी संगठन ने दो नई गुफाओं का निर्माण किया है। पहली गुफा भक्तों के दर्शन के लिए प्रवेश द्वार के रूप में बनाई गई है और दूसरी गुफा भक्तों के दर्शन के बाद मंदिर स्थल से बाहर आने के लिए निकास द्वार के रूप में बनाई गई है। ‌हालांकि प्राचीन गुफा को अनुष्ठानिक त्यौहार, परंपरागत अवसर तथा कम भीड़ वाले दिनों में भक्तों के दर्शन के लिए खोला जाता है। हालांकि प्राचीन गुफा में से माता रानी के विद्यमान स्वरूप के दर्शन करना एक आनंद की अनुभूति के समान होता है इसलिए माता वैष्णो देवी के भक्तों को यह सलाह दी जाती है कि वह माता के प्राचीनतम गुफा में से दर्शन करने के लिए सिर्फ कम भीड़ वाले दिनों में ही जाए। ‌जब भक्त वास्तविक गुफा में से बाहर आ जाते हैं तो वह एक गलियारे में प्रवेश करते हैं जिसकी छतों पर घंटियां लटकी हुई नजर आती है और गलियारे को पार करने के बाद एक प्लेटफार्म नजर आता है जहां पर माता रानी के वाहन शेर की मूर्तियां लगी हुई है और इसी स्थान पर माता रानी स्वयं को विद्यमान स्वरूप में आसीन किए हुए हैं। ‌यहां पर माता रानी की संपूर्ण मूर्ति रखी हुई है।

माता वैष्णो देवी के दर्शन करते समय गुफा में भक्तों को चुप रह कर प्रवेश करने के लिए कहा जाता है और इसके अलावा कर्मचारियों द्वारा पंक्तियों में चलने की सलाह दी जाती है। गुफा के अंत में माता रानी ने प्राकृतिक शीला के रूप में सदियों से स्वयं को विद्यमान किया हुआ है। ‌मंच पर बैठे पुजारी द्वारा भक्तों को लाइन से आगे चलते रहने की सलाह दी जाती है क्योंकि पीछे से भीड़ बढ़ती जाती है।

Vaishno Devi Gufa Opening Time- वैष्णो देवी गुफा खुलने का समय

मंदिर परिसर में सुबह 5 बजे से दोपहर 12 बजे तक प्रवेश किया जा सकता है जिसके बाद मंदिर बंद कर दिया जाता है और फिर शाम 4 बजे से रात 9 बजे तक खोला जाता है। पारंपरिक आरती, जो वैष्णो देवी दर्शन में भारी कतारों का मुख्य कारण है, सूर्योदय और सूर्यास्त से ठीक पहले सुबह और शाम दोनों समय होती है।

Vaishno Devi Gufa Length- वैष्णो देवी गुफा की लम्बाई

गुफा की कुल लंबाई दोनों तरफ यानी प्रवेश द्वार पर और साथ ही निकास पर 300 फीट के करीब है।

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