मुगल शासन की कहानियों और हरियाणा की संस्कृति को समेटे हुए रेवाड़ी को वीरभूमि या सैनिकों की खान भी कहा जाता है। रेवाड़ी जिले की स्थापना महाराजा रेवत सिंह ने अपनी बेटी रेवती सिंह के नाम पर की थी। रेवाड़ी अपने पीतल की खानों और राजनीतिक राजधानी के लिए भी जानी जाती है। रेवाड़ी में हेरिटेज स्टीम लोकोमोटिव संग्रहालय, बाग वाला तालाब, बाबा भैरवनाथ आश्रम, राव तुलाराम स्मारक, घंटोश्वर मंदिर, गुरूवाडा का स्तंभ, श्री राम शरणम् आदि यहां के प्रसिद्ध स्थलों में शामिल है। यदि आप भी रेवाड़ी घूमने आए हैं, तो यहां पर स्थित पंजाबी धर्मशाला की सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में उपलब्ध हो जाएगी।
PUNJABI DHARMSHALA REWADI–पंजाबी धर्मशाला रेवाड़ी
रेवाड़ी के छिपटवाडा की गली में स्थित पंजाबी धर्मशाला रेवाड़ी की बड़ी धर्मशाला में गिनी जाती है। इस धर्मशाला में अधिकतर बड़े-बड़े प्रोग्राम जैसे शादी विवाह के प्रोग्राम, बर्थडे पार्टी आदि का आयोजन किया जाता है। सामाजिक कार्यों के लिए भी धर्मशाला का प्रयोग किया जाता है। यहां पर पार्किंग की अच्छी सुविधा मौजूद है, टू व्हीलर पार्किंग के लिए पूरी गली आरक्षित है, कार पार्किंग के लिए आपको गली के बाहर बहुत सारी जगह मिल जाती है। यहां पर आपको साफ-सुथरे टॉयलेट और बाथरूम उपलब्ध होते हैं। 24 घंटे पानी और बिजली की सुविधा धर्मशाला में आपको उपलब्ध हो जाती है, गर्म पानी की सुविधा यहां उपलब्ध नहीं है। आपके शादी-विवाह के फंक्शन हेतु यहां बिजली की कटौती होने पर जनरेटर की भी व्यवस्था होती है।
अगर आप बाहर से आए हैं और पंजाबी समाज से हैं, तो धर्मशाला में भोजन की सुविधा उपलब्ध नहीं है, जिसके लिए आपको रेवाड़ी के किसी होटल में ही भोजन करना होता है। आपके ठहरने के लिए यहां पर पंखे वाले साधारण रूम मिल जाते हैं। धर्मशाला में आपको हाॅल, गेस्ट हाउस और बड़े किचन की व्यवस्था मिल जाती है, जहां पर आप फंक्शन के लिए खाना बना सकते हैं। यहां पर निजी टेन्ट हाउस वाले से आप संपर्क करेंगे तो आपको टेन्ट की व्यवस्था भी मिल जाती है। कुल मिलाकर यह धर्मशाला मांगलिक कार्यों के लिए ही बनी हुई है।
तो दोस्तों यदि आप भी रेवाड़ी या आसपास कही आए हैं और कोई छोटा-बडा प्रोग्राम करना चाहते हैं तो यह धर्मशाला आपके लिए अच्छी हैं और हमें कमेंट करके बताना की यह जानकारी आपको कैसी लगी।
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