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November 21, 2024

दंतेश्वरी माता का मंदिर- Danteshwari Temple: History, Timings and How to Reach

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दंतेश्वरी माता का मंदिर- Danteshwari Temple: History, Timings and How to Reach
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दंतेश्वरी माता का मंदिर

भारत में हज़ारों देवी देवता हैं और लाखों उनके मंदिर हैं और उनसे जुड़ी अलग अलग मान्यताएँ हैं ऐसा ही एक मंदिर है दंतेश्वरी माता का मंदिर जो कि आज भी प्राचीन सभ्यताओं पर ही आधारित है और यहाँ अपनी मनोकामना पूरी करने के लिए लोग भारी मात्रा में जाते हैं। 

आज के इस ब्लॉग के जरिये हम आपको बताने जा रहे है दंतेश्वरी मंदिर का इतिहास, danteshwari mandir kahan hai, danteshwari temple timings, how to reach और danteshwari temple Architecture of danteshwari mandir. साथ ही हम जानेंगे Plcaes to see near danteshwari mandir के बारे मे

क्या है दंतेश्वरी मंदिर का इतिहास

यह मंदिर 600 साल पुराना है और इंडियन हेरिटेज मे से एक है, दंतेश्वरी मंदिर बस्तर की धार्मिक और सामाजिक सोहार्द को बनाये हुए है, दंतेश्वरी मंदिर के निर्माण से कई मान्यताएँ जुड़ी हुई है मगर दो बहुत ही प्रसिद्ध है। एक तो यह कि चालुक्य राजाओं मे से दंतेश्वरी नागा वंश के राजाओं ने नाम बदलकर मनिकेश्वती रख दिया था, जिन्होंने चलुक्यों से पहले इस जगह शासन करा था, चालुक्य राजाओं ने 14वी शताब्दी में दंतेश्वरी मंदिर का निर्माण करवाया था। 

और ऐसा भी माना जाता है कि काकतीय राजा अनमदेव यहाँ आये थे और उन्हें दंतेश्वरी माता का वरदान मिला था कि जहाँ तक वह जायेगें वहाँ तक उनका राज होगा मगर शर्त ये थी कि उन्हें पीछे मुड़ कर नहीं देखना है, तो राजा आगे चलते गए और माता उनके पीछे लेकिन जब वह शंखनि और डँकनि नदियों के संगम पर पहुँचे तो उन्हें माता की पायल की आवाज़ आना बंद हो गयी क्योंकि दंतेश्वरी माता पानी में चल रही थी तो राजा को लगा की माता रुक गयीं हैं, और राजा ने पीछे मुड़ कर माता को देखा तो माता फिर वहीं रुक गयी, और अनमदेव का राज दंतेवाड़ा तक फैल गया और राजा ने दोनों शंखनि और डँकनि नदियों के संगम पर दंतेश्वरी माता का मंदिर बनवा दिया। 

दंतश्वरी मंदिर का नाम दंतेश्वरी क्यों पड़ा?

वैसे तो दंतेवाड़ा को देवी 51 शक्ति पीठों में शामिल नहीं किया है मगर इसे 52 शक्ति पीठ माना जाता है, मान्यता है कि यहाँ सती का दांत गिरा था, ,इसलिए इसे दंतेवाड़ा कहा जाता है और देवी को दंतेश्वरि देवी कहा जाता है, जो कि पहले काकतीय शासकों की कुलदेवी देवी हैं, दंतेश्वरी देवी को दुर्गादेवी का अवतार माना जाता है।

दंतेश्वरी मंदिर कहाँ स्थित है? (Danteshwari mandir kahan hai)

छत्तीसगढ़ में वैसे तो कई घूमने और पूजा पाठ की स्थान हैं मगर दंतेश्वरि मंदिर की एक अलग ही स्थान है,छत्तीसगढ़ के बस्तर की हसीन वादियों में स्थित है दंतेवाड़ा का प्रसिद्ध दंतेश्वरी मंदिर है जो कि पर्यटकों और आम लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है, यह मंदिर दो पवित्र नदियों शंखनि और डँकनि के संगम पर स्थित है,यह छत्तीसगढ़ के जगदलपुर जो कि एक औद्योगिक नगरी है से 80km दूर एक छोटे से शहर में है। 

दंतेश्वरी मंदिर के दर्शन करने से क्या लाभ होता है?

परंपरागत रूप से दंतेश्वरी माई बस्तर की कुल देवी मानी जाती हैं, मान्यता है की दंतेश्वरि मंदिर में जो की सच्चे मन से मनोकामना करो वो पूरी होती है, पर यहाँ गर्भ गृह में बिना सिले वस्त्र पहन कर ही जाया जाता है, यहाँ सिर्फ धोती या लुंगी में ही देवी के दर्शन कर सकते हैं। 

हर साल दशहरा पर गाँव और जंगलो से आदिवासी दंतेश्वरी देवी की पूजा करने आते हैं और उनकी मूर्ति को मंदिर से निकाल कर पूरे शहर के चारों की परिक्रमा करवाई जाती है। और यहाँ रात भर उनके पारंपरिक नाच गाने होते हैं, और यह बस्तर के दशहरा के नाम से भी मशहूर हो रहा है

दंतेश्वरी मंदिर कैसे पहुँचे (How to Reach Danteshwari Temple)

By Air : रायपुर और विशाखापट्नम दो करीबी एयरपोर्ट हैं, जो कि दंतेवाड़ा के रोड से 400 km की दूरी पर स्थित हैं, जगदलपुर एक मिनी एयरपोर्ट है जो कि दंतेवाड़ा से मात्र 80km दूरी पर ही स्थित है मगर यहाँ flights सिमित हैं। 

By train : दंतेवाड़ा देवी मंदिर के लिए विशाखापट्नम रेलवे स्टेशन से दिन में दो ट्रेनें मिलती हैं। 

By road : दंतेवाड़ा मंदिर का रोड़ का रास्ता छत्तीसगढ़ के सभी छोटे बड़े शहरों से जुड़ा हुआ है, और यह रोड़ अच्छे हैं, यह रायपुर से 400 km की दूरी पर है जिसके लिए आपको आसानी से पब्लिक ट्रांसपोर्ट मिल जायेगा जिससे की 8 घंटों का सफर तय करना पड़ेगा जबकि खुद के वाहन से 6-7 घंटे ही लगेगें  

दंतेश्वरी मंदिर की बनावट (Architecture of danteshwari mandir)

दंतेवाड़ा के दंतेश्वरी मंदिर में दंतेश्वरी माता की granite की मूर्ति स्थापित है जिस पर नक्काशी करी हुई है उनकी दोनों तरफ 3-3 भुजाएँ हैं, दाएँ हाथ में शंक, खड़त, त्रिशूल और बाएँ हाथ मे घंटी बध्य और राक्षस के बाल लिए हुए है, इसके उपरी भाग में नरसिंह अवतार का स्वरूप है और मूर्ति के ऊपर चांदी का छ्त्र है, और माता के दोनों तरफ द्वार रक्षक खड़े हुए हैं

इस मंदिर मे जगह जगह गणेशजी,विष्णु और शिवजी की मूर्तियाँ भी स्थापित हैं, यह मंदिर 32 कास्ट पिलर और खप्रेल की छत से बना साधारण दिखने वाला मंदिर है जो कि चार भागो मे बटा हुआ है, गर्भ गृह, महा मंडप, मुख्य मंडप और सभा मंडप। गर्भ गृह और महा मंडप पत्थर से बना हुआ है, और गरुड पिलर मंदिर के मेन गेट के सामने ही स्थित है। पुरा मंदिर चारो ओर से एक दिवार से गिराह हुआ है

दंतेश्वरी मंदिर खुलने का समय (Danteshwari temple timings)

दंतेश्वरी मंदिर सुबह 5 बजे से शाम को 7 बजे तक खुला रहता है जबकि दर्शन का समय सुबह 5:30 से शाम 6:45 तक ही है, और त्योहार और विशेष दिनों में यह समय मे बदलाव भी आता रहता है। 

दंतेश्वरी माता की आरती का समय

माता की आरती दिन में 3 समय होती है 

सुबह की आरती – 5 बजे सुबह

दिन की आरती – 12 बजे दोपहर

और शाम की आरतीशाम 7 बजे

दंतेश्वरी मंदिर के आसपास की घूमने की जगाहें (Plcaes to see near danteshwari mandir)

maa danteshwari mandir के मंदिर के पास और भी घूमने के स्थान है जैसे की Anthropology museum, मोती तलाब पारा, कांगर वेली नेशनल पार्क और बस्तर का महल है। इसके अलावा दंतेश्वरी माता के मंदिर के पास ही उनकी छोटी बहन भूणेश्वरी देवी का भी मंदिर है, इनको मावली माता मडीकेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है, दोनों बहनो की आरती एक समय ही होती है। 

shri danteshwari temple का पता

दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़

इंडिया

पिनकोड: 494449

Last word:

इस आर्टिकल के जरिए दंतेश्वरी मंदिर (danteshwari mandir jagdalpur) से जुड़ी सभी जानकारियां जैसे– danteshwari temple timings, danteshwari mandir kahan hai, Architecture of danteshwari mandir, इत्यादि सभी चीजें हमने आपको समझाने का प्रयास किया है। हम आशा करते हैं कि आपको danteshwari mandir jagdalpur, danteshwari mata mandir से जुड़े सभी सवालों का जवाब मिल गया होगा। अगर आपको हमारा ब्लॉग पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को अवश्य शेयर करें।

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