चित्तौड़गढ़ राजस्थान का एक ऐसा शहर है जो अपने त्याग और बलिदान के लिए जाना जाता है। यह शहर बनास की एक सहायक नदी बेराच नदी और गंभीर नदी के किनारे पर बसा हुआ है। यह मेदापाटा के राजपूत राज्य का एक प्रमुख गढ़ था। चित्तौड़गढ़ शहर की स्थापना चित्रांगदा मोरी ने की थी और उन्ही के नाम पर इसका नाम चित्तौड़गढ़ पड़ा।
आज हम आपको चित्तौड़गढ़ के कुछ प्रमुख आकर्षणों के बारे मे बताने जा रहे है जो सैलानियों को यहाँ खीच लाते है। इस पोस्ट में हम आपको चित्तौड़गढ़ में घूमने की अच्छी जगहों के बारे में जानकारी देंगे।
Tourist Places in Chittorgarh:चित्तौड़गढ़ में घूमने के प्रमुख स्थान
1- चित्तौड़गढ़ का किला (Chittorgarh Fort)
चित्तौड़गढ़ का किला भारत और एशिया का सबसे बड़ा किला है। इस किले का निर्माण मौर्यों ने 7वीं शताब्दी ई. में किया था। कुछ किवदंतियो की माने तो इसका निर्माण पंच पांडवों के भीम ने करवाया था। यह किला एक 180 मीटर ऊँची पहाड़ी पर स्थित है और 704 एकड़ मे फैला हुआ है। यह यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है।
किले के सभी आकर्षण किले के अंदर ही है। किले के अंदर से इसकी शोभा देखने के लिए भारतीय नागरिको को 10 ₹ और विदेशी नागरिको को 100 ₹ का शुल्क देना पड़ता है।
2- कीर्ति स्तंभ (Tower of Fame)
टॉवर ऑफ फेम (कीर्ति स्तंभ) एक 22 मीटर ऊंचा (72 फीट) टावर है जिसका निर्माण 12 वी शताब्दी मे एक जैन व्यापारी जीजा भागरवाला ने राजा रावल कुमार सिंह के शासनकाल मे प्रथम जैन तीर्थंकर आदिनाथजी के स्मारक के रूप में किया था। यह कीर्ति स्तंभ चित्तौड़गढ़ किले के अंदर स्थित है। स्तंभ 7 मंजिलो का है और इसके शीर्ष से चित्तौड़गढ़ के वातावरण के दृश्य देखे जा सकते हैं
3- राणा कुंभा पैलेस (RanaKumbha palace)
राणा कुंभा पैलेस चित्तौड़गढ़ किले का सबसे बड़ा स्मारक है । इसी महल मे दासी पन्ना धाय ने वीरतापूर्ण कार्य से उदयपुर के संस्थापक महाराणा उदय सिंह की जान बचाई थी। मीरा बाई भी इसी महल की थी और इसी महल के भूमिगत तहखाने मे महारानी पद्मिनी ने जौहर किया था।
4- विजय स्तम्भ (विजय मीनार)
विजय स्तम्भ एक विशाल नौ मंजिला ऊँची मीनार है जिसका निर्माण महाराणा कुंभा ने 1440 ईस्वी में मोहम्मद खिलजी पर अपनी जीत के उपलक्ष्य में मे कराया था। स्तंभ चारों ओर हिंदू देवताओं की मूर्तियों से सुशोभित है। स्तंभ के अंदर खड़ी सीढ़ियाँ हैं जो आपको मीनार के शीर्ष तक ले जाती हैं, जहाँ से पूरे शहर का विहंगम दृश्य दिखता है।
5- कालिका माता मंदिर (Kalika Mata Temple, Chittorgarh)
कालिका माता मंदिर चित्तौड़गढ़ के सबसे महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों में से एक है। यह मंदिर चित्तौड़गढ़ किले के मैदान मे स्थित है। इस मंदिर का निर्माण 8 वी शताब्दी मे एक सूर्य मंदिर के रूप मे किया गया था। परंतु 14 वी शताब्दी मे इसे देवी दुर्गा के कालिका रूप को समर्पित कर दिया गया था। मंदिर की वास्तुकला इसके निर्माताओं की भक्ति को दर्शाती है। मंदिर की प्राचीन दीवारों को सुशोभित करने वाली जटिल नक्काशी और अलंकरण में बहुत मेहनत की गई है.
चित्तौड़गढ़ कैसे पहुंचे (How to reach Chittorgarh)
चित्तौड़गढ़ भारत के सभी भागों से यातायात मार्गो द्वारा सुगम रूप से जुड़ा हुआ है। यहाँ से देश विदेश मे आवागमन की सुविधा उपलब्ध है।
सड़कमार्गद्वारा (How to reach Chittorgarh by Road):
पूर्ण स्वर्ण चतुर्भुज राजमार्ग प्रणाली चित्तौड़गढ़ से होकर गुजरती है, जो इसे भारत के अधिकांश हिस्सों से जोड़ती है। चित्तौड़गढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 76 और 79 पर स्थित है। जिसकी मदद से आप आसानी से यहाँ पहुँच सकते है।
हवाईमार्गद्वारा (How to reach Chittorgarh by Air):
चित्तौड़गढ़ से निकटतम हवाई अड्डा उदयपुर (डबोक हवाई अड्डा ) है, जिसकी चित्तौड़गढ़ से दूरी मात्र 70 किमी है। यह हवाई अड्डा दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, अहमदाबाद, चेन्नई और मुंबई से दैनिक फाइट् द्वारा जुड़ा हुआ है।
रेलमार्गद्वारा (How to reach Chittorgarh by Train):
चित्तौड़गढ़ जंक्शन भारतीय रेल का बहुचलित रेलवे जंक्शन है यहाँ से आपको समय-समय पर अजमेर , उदयपुर , जयपुर , दिल्ली , मुंबई , हैदराबाद , कोलकाता , पुणे , चेन्नई , रामेश्वरम , यशवंतपुर , अहमदाबाद , सूरत , इंदौर , रतलाम , ग्वालियर , भोपाल , नागपुर , बिलासपुर सहित सभी प्रमुख भारतीय शहरो के लिए रेल की सुविधा मिल जायेगी।
चित्तौड़गढ़ घूमने जाने का उचित समय (Best time to visit Chittorgarh)
चित्तौड़गढ़ भारत के राजस्थान राज्य का हिस्सा है। भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से गर्मियों मे यहाँ का तापमान काफी उपर चला जाता है।
अक्तूबर से मार्च का समय चित्तौड़गढ़ की यात्रा के लिए उपयुक्त माना जाता है।
चित्तौड़गढ़ अपनी ऐतिहासिक विरासत और अपने पूर्वजो द्वारा किये गए बलिदान के लिए भारतीय इतिहास मे अमर रहेगा और चित्तौड़गढ़ की यात्रा हमे हमारे स्वर्णिम इतिहास की याद दिलाती रहेगी।
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