Mallikārjuna Jyotirlinga Temple in Andhra Pradesh- मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर
Piyush Kumar August 31, 2022 0Table of Contents
ToggleMallikārjuna Temple in Hindi-मल्लिकार्जुन मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर नल्लामाला पहाड़ियों की चोटी पर स्थित है, जिसके दाहिने तरफ कृष्णा नदी बहती है, जो कि एक मनोरम दृश्य और प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कराती है. यह मंदिर माता पार्वती और शिवजी को समर्पित है, इस मंदिर की विशेषता यह है कि इसमें पार्वती माता और शिवजी दोनों विराजमान हैं. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव ने खुद इन स्थानों पर गए थे, इसलिए यह सनातन धर्म में विशेष स्थान रखते हैं, ऐसे भारत में 12 स्थान हैं जिसमे से एक श्रीशैलम भी है.
मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग का इतिहास(History of Mallikārjuna Temple)
मलिकार्जुन मन्दिर- Mallikārjuna Jyotirlinga Temple के पीछे की कहानी काफी रोचक है भगवान शिव और पार्वती अपने पुत्र गणेशजी का विवाह रिद्धि और सिद्धि से करना चाहते थे मगर उनके बड़े पुत्र कर्तिकेंन् भी अविवाहित थे, तो दोनों में से किसका विवाह पहले करें यह निर्णय लेना कठिन हो रहा था, इसके लिए उन्होंने यह उपाय निकाला कि जो संसार का चक्कर पहले लगा कर आयेगा उसका विवाह पहले कर दिया जायेगा,जैसे ही कर्तिकैन् ने यह सुना तो तुरंत ही उन्होंने अपनी मोर की सवारी पर सवार होकर पृथ्वी के चक्कर लगाने को चल दिये, वहीं गणेशजी ने अपनी माता का चक्कर लगाकर शर्त पूरी कर दी क्योंकि माता पिता संसार के सामान होते हैं. इसलिए गणेशजी की शादी पहले हुई.
और जब कर्तिकेंन् वापस आये और अपनी हार के बारे में सुना तो वह दुखी हो गये और जीवन भर अविवाहित रहने का निर्णय लिया. फ़िर वह श्रीगिरि पर्वत चले गए और वहीं रहने लगे, उनके माता पिता उनसे मिलने श्रीगिरि पर्वत गए इसलिए वहाँ उन दोनों का एक मंदिर है. शिवजी के लिए लिंग और पार्वती के लिए एक शक्तिपीठ है.
Mallikārjuna Temple के नाम के पीछे का तथ्य यह माना जाता है कि आमावस्या की रात को भगवान शिव अर्जुन के रूप में और पूर्णिमा की रात पार्वती माँ मल्लिका के रूप में प्रकट हुए थे इसलिए इस मंदिर को मलिकार्जुन कहा जाता है.
Srisailam Temple Lingam
श्रीशैलम एक छोटा सा कस्बा है जो कि मल्लिकार्जुन ज्योतिर्लिंग मंदिर के लिए प्रसिद्ध है, भगवान शिव का मंदिर है, ज्योतिर्लिंग का अर्थ है ‘स्तंभ या प्रकाश का स्तंभ’। ‘ स्तंभ’ प्रतीक दर्शाता है कि कोई शुरुआत या अंत नहीं है।
जब भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु के बीच इस बात पर बहस हो रही थी कि सर्वोच्च देवता कौन है, तो भगवान शिव प्रकाश के स्तंभ के रूप में प्रकट हुए और दोनों से अंत खोजने के लिए कहा। दोनों अंत ना खोज सके। ऐसा माना जाता है कि जिन स्थानों पर प्रकाश के ये स्तंभ गिरे थे, वहां ज्योतिर्लिंग स्थित हैं। और ऐसी 12 ज्योतिर्लिंग हैं जिसमे से एक मलिकर्जुन मन्दिर में भी है.
कई शासकों ने मलिकर्जुन मंदिर के निर्माण और रख रखाव पर ध्यान दिया इसके प्रमाण पहली सदी के शतवाहन सम्राज्य की किताबों से मिलते हैं.
इसके बाद, इक्ष्वाकु, पल्लव, चालुक्य और रेड्डी, जो मल्लिकार्जुन मंदिर ने निर्माण में योगदान दिया। विजयनगर साम्राज्य और छत्रपति शिवाजी ने भी मंदिर में निर्माण और सुधार कार्य किया।
मल्लिकार्जुन मंदिर कहा स्थित है (Mallikarjuna Temple Location)
मलिकर्जुन ज्योतिरीलिंग मन्दिर आंध्र प्रदेश के कुरनुल जिले के श्रीशैलम कस्बे में नल्लामाला पहाड़ी पर स्थित है.जिस पहाड़ी पर मंदिर स्थित है, उसे श्री पर्वत, श्रीगिरि, श्रीनागम, सिरिधन आदि नामों से भी जाना जाता है.
मल्लिकार्जुन मंदिर कैसे पहुंचे (How To Reach Mallikarjuna Jyotirlinga Temple By Foot)
श्रीशैलम पैदल यात्रा के लिए महा शिवरात्रि और उगादी पर अनुमति दी जाती है, जोकि आत्मकुर से नल्लामाला पहाड़ियों के घने जंगल से होकर श्रीशैलम जाया जाता है, यात्रियों को पानी और भोजन साथ लेकर जाना होता है, मान्यता है कि श्रीशैलम पेदल जाने से मन की मुराद पूरी होती है.
By Road
श्रीशैलम पहुँचने ने के लिए मुख्य दोरनाला और अचम्पेट दो रोड है, श्रीशैलम पहुँचने के लिए आत्माकुर और दोरनाला से और आसपास के इलाके से लगातार बसें मिलती रहती हैं.
By Train
श्रीशैलम से सबसे करीबी Raiway स्टेशन मरकापुर है जोकि श्रीशैलम से सिर्फ 90 km की दुरी पर है.
By Air
श्रीशैलम से सबसे करीबी एयरपोर्ट कुरनूल डोमेस्टिक ऐरपोर्ट है, यह लगभग 180 kms की दुरी पर है, जबकि Hyderabad International Airport मुख्य ऐरपोर्ट है जोकि 217 को की दुरी पर है.
Mallikarjun Temple Timing
Mallikarjun mandir में सुबह 4:30 बजे से रात 10 बजे तक प्रवेश की अनुमति है.
Mallilarjun Mandir Aarti Timing
महामंगल आरती (सुबह) : 5:00 am
महामंगल आरती (शाम) : 5:00 pm
Mallilarjun Jyotirlinga Mandir Darshan Timing
डेली दर्शन – 4:30 am से 10:00 pm
सुप्रभात दर्शन – 5:00 am
सुबह के दर्शन – 6:00 am से 3:30 pm
संध्या दर्शन– 6:00 am से 10:00 pm
Srisailam Mandir Online Darshan Booking
Srisailam Mandir Online Darshan Booking की 3 प्रकार की सुविधा प्राप्त है. जिसके लिए आपको टिकेट खरीदना पड़ता है. जोकि आप मंदिर की official website पर जाकर बुक करा सकते हैं.
शिग्र दर्शन – 150 रुपए
अतिशिग्र दर्शन – 300 रुपए
VIP ब्रेक दर्शन – 500 रुपए
Dharamshala near To Mallikarjuna Temple
तेलगु में धर्मशाला को सतराम कहते हैं, मलिकर्जुन मन्दिर और बस स्टैंड के 500m के अंदर ही आपको कई सारी धर्मशालायें मिल जायेगीं जोकि budget friendly भी हैं जैसे करिकाला सतराम, देवांगा सतराम,वेलामा सतराम, श्री विदया पितम आदि जिन्हें आप Online book भी करा सकते हैं.
Srisailam Temple Accommodation
श्रीशैलम मंदिर के पास ही आपको रहने लिए अच्छी facilities के साथ AC और non AC रूम वाली होटल मिल जाएगी, ये होटल 5 स्टार से लेकर 3 स्टार तक की रेटिंग की हैं, इनके अलावा आपको गेस्ट हाउस, कॉटेज भी मिलते हैं.
मल्लिकार्जुन मंदिर जाने का उत्तम समय (Best Time To Visit Mallikarjuna Mandir)
सर्दियों का मौसम श्रीशैलम मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि सर्दियों के महीनों में श्रीशैलम temperature 14° से 24° तक रहता है.
मंदिर के आस पास घूमने लायक अन्य स्थान (Places to Visit Near Mallikarjuna Temple)
मलिकर्जुन मंदिर के अलावा श्रीशैलम में और भी जगह घूमने के लिए जा सकते हैं.
साक्षी गणपति: यह गणपति का मंदिर श्रीशैलम से 3km की दूरी पर है जिसमे वह एक हाथ में किताब और दूसरे हाथ में कलम लिए विराजमान हैं, ऐसी मान्यता है कि गणपति श्रीशैलम के दर्शन के आते हैं.
हटकेश्वरम: हटकेश्वरम श्रीशैलम से 5km दूरी पर शिवा का मंदिर है, यहाँ शिवाजी ने एक अतिका (मटकी) मे दर्शन दिये थे, पहले इसका नाम अतिकेश्वरम था.
शिकरेश्वरम: यह श्रीशैलम से 8km दूरी पर समुंद्र से 2830feets की उचाई पर बसा यह मंदिर पत्थरों का बना हुआ है.
फलधारा पुंछधरा: यह श्रीशैलम से 8km की दूरी पर है, यहाँ पर आदी शंकरा ने तपस्या करी थी.
अक्का महादेवी की गुफ़ाएँ: ये गुफ़ाएँ श्रीशैलम से 10 kms दूरी पर है, ऐसी मान्यता है कि अक्कामहादेवी ने इन गुफ़ाओ में तपस्या करी थी.
Conclusion
आज के इस ब्लॉग के जरिए आपने Mallikārjuna Temple| srisailam temple lingam से सम्बंधित सभी जानकारी जैसे History of Mallikārjuna Temple, how to reach mallikarjuna jyotirlinga, srisailam temple online darshan booking आदि के बारे में जाना। साथ ही आपने Places to visit near mallikarjuna temple, mallikarjun nearest railway station का भी जाना । हम उम्मीद करते है, कि आपको सभी जानकारी मिल चुकी होगी। अगर आपको ब्लॉग पसंद आया तो अपने दोस्तो में जरूर शेयर करें।
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