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November 5, 2024

Nageshwar Temple in Hindi: नागेश्वर मंदिर के दर्शन मात्र से ही सभी कष्ट दूर हो जाते है

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Nageshwar Temple
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Table of Contents

Nageshwar Temple Dwarka-नागेश्वर मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी

नागेश्वर मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है। यहाँ भगवान् शिव ने साक्षात दर्शन दिए थे। यह मंदिर शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। पुराणों के अनुसार ऐसा कहा जाता है की नागेश्वर ज्योतिर्लिंग सबसे पुराना ज्योतिर्लिंग है।

हिन्दू धर्म के अनुसार नागेश्वर का अर्थ है नागो के देवता, भगवान् शिव को नागो का देवता कहा जाता है। इस लिए इस स्थान का नाम नागेश्वर मंदिर है। नागेश्वर मंदिर में ज्योतिर्लिंग के दर्शन का विशेष महत्व है। ऐसा कहा जाता है की यहाँ शिव लिंग के दर्शन मात्र से ही सारे विष और रोग दूर हो जाते है।

नागेश्वर मंदिर लोकेशन-Nageshwar temple location

नागेश्वर मंदिर गुजरात के द्वारका पूरी से लगभग 17 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। नागेश्वर मंदिर गोमती और द्वारका के मध्य सौराष्ट तट के निकट स्थित है।

नागेश्वर मंदिर स्टोरी-Nageshwar temple story

पुराणों के अनुसार ये कथा सुप्रिय नामक एक वैश्य और दारुक नामक एक राक्षक की है। दारुक दारुवन में रहता था।

सुप्रिय भगवान् शिव का बहुत बड़ा भक्त था। सुप्रिय सदैव भगवान् शिव की पूजा कर आराधना में लीन रहता था।

सुप्रिय को भगवान् शिव की पूजा करते देख दारुक बहुत क्रोधित होता था। दारुक सदैव सुप्रिय की पूजा में विघन डालने का प्रयास करता था।

एक बार सुप्रिय नौका में सवारी कर रहे थे। इस दौरान दारुक नौका पर आक्रमण करके सुप्रिय और अन्य यात्रिओ को बंधी बना लेता है।

दारुक सुप्रिय को दारुवन के कारागार में दाल देता है।

अब दारुक सोचता है की सुप्रिय इतनी मुसीबतो के बात शिव की पूजा नहीं करेगा।

कारागार में भी सुप्रिय भगवान् शिव की पूजा करते है और भगवान् से प्रार्थना करते है की सभी बंदियों को रिहाई मिल जाए।

यह बात दारुक को पता चल जाती है की सुप्रिय अभी भी भगवान् शिव की पूजा कर रहा है। दारुक कारागृह में सुप्रिय को मारने आता है तो देखता है की सुप्रिय भगवान् शिव की समाधी लगाए बैठा हुआ है।
जैसे ही दारुक सुप्रिय पर आक्रमण करता है वैसे ही भगवान् शिव ज्योति के रूप में साक्षात दर्शन देते है और दारुक को मार कर उसका उद्धार कर देते है।
तभी से भगवान् शिव वहां नागेश्वर शिवलिंग के रूप में वहां विराजमान है।

नागेश्वर ज्योतिर्लिंग-Nageshwar temple jyotirling

नागेश्वर मंदिर में मौजूद शिव लिंग कोई आम शिव लिंग नहीं है, बल्कि एक बेहद खास शिवलिंग है।

नागेश्वर मंदिर में मौजूद शिवलिंग एक त्रिमुखी रुद्राक्ष के जैसा दिखता है। यहाँ शिवलिंग द्वारका नामक एक खास पत्थर से बना हुआ है। इस पर छोटे छोटे चक्र बने हुए है। यह शिवलिंग एक दक्षिण मुखी शिवलिंग है। इसलिए यह शिवलिंग बाकि शिवलिंग से अलग है।

Nageshwar Temple

नागेश्वर मंदिर ज्योतिर्लिंग दर्शन महत्व -Nageshwar temple darshan

ऐसा कहा जाता है की यहाँ दर्शन मात्र से ही सभी पाप दूर हो जाते है।
भगवान् शिव नागो के देवता है। वह सभी प्रकार के विष को समाप्त कर देते है। यहाँ जो भी सच्चे मन से पूजा करता है उसके सभी प्रकार के दुःख दूर हो जाते है।
यहाँ पूजा करने से नाग के विष से प्रभावित व्यक्ति भी ठीक हो जाता है।

नागेश्वर मंदिर दर्शन समय-Nageshwar temple darshan timing

सुबह 6 बजे से 12 :30 बजे तक शाम 4 बजे से 9 :30 तक
दुग्ध अभिषेक – सुबह 6 बजे से 9 बजे तक
श्रृंगार दर्शन – शाम 4 बजे से 4 : 30 बजे तक
शयन आरती – 7 बजे से 7 :30 तक

नागेश्वर मंदिर वास्तुकला -Nageshwar temple architecture

नागेश्वर मंदिर हिन्दू वास्तु कला में बना हुआ है। मंदिर में एक विशाल प्रांगण है। जिसमे 25 मीटर लम्बी शिव प्रतिमा है। इस प्रतिमा में प्रभु शिव पदमा आसन में विराजमान है। मंदिर के दायी ओर सभा मंडप है जहां नंदी विराजमान है। वही सामने शिवलिंग के दर्शन होते है। सभा मंडप के नीचे गर्भ ग्रह है जहां एक और शिवलिंग के दर्शन होते है। यहाँ शिवलिंग पर चांदी की परत का आवरण चढ़ा हुआ है। साथ ही साथ यहाँ शिवलिंग पर चांदी के नाग भी विराजमान है। शिवलिंग लिंग के पीछे माता पार्वती भी विराजमान है। यहाँ माता पार्वती की भी पूजा होती है।

गर्भ ग्रह में जाने की इजाजत सभी को नहीं है। यहाँ बस वह व्यक्ति ही जा सकता है जिसे पूजा करवानी हो।

नागेश्वर मंदिर रुद्राभिषेक पूजा-Nageshwar temple rudrabhishek

रुद्राभिषेक पूजा में सबसे पहले गंगा जल से अभिषेक होने के बाद भगवान् शिव का पंचामृत से अभिषेक करवाया जाता है। साथ ही साथ मंत्रो और श्लोको का उच्चारण भी होता रहता है। उसके बाद भगवान् शिव पर दुग्ध अभिषेक किया जाता है।
ऐसा कहा जाता है की रुद्रा अभिषेक भगवान् शिव के रूद्र अवतार यानि की क्रोधित रूप की पूजा होती है।

नागेश्वर मंदिर में लघुरुद्र अभिषेक पूजा-Nageshwar temple laghu rudhrabhishek

लघु रुद्रा अभिषेक में भी सबसे पहले गंगा जल से अभिषेक होता है उसके बाद पंचामृत से अभिषेक होता है।

लघु रुद्रा अभिषेक पूजा स्वस्थ और पैसे से जुडी समस्याओ के समाधान के लिए किया जाता है। लघु रुद्रा अभिषेक करने से कुंडली के दोष भी ख़तम हो जाते है।

नागेश्वर मंदिर पहुंचने का उत्तम समय-Best time to visit nageshwar temple

आप नागेश्वर मंदिर वर्ष भर में कभी भी जा सकते है। लेकिन मार्च से अक्टूबर का महीना यहाँ जाने के लिए सबसे उत्तम समय है।
आप शिवरात्रि के दौरान भी यहाँ जा सकते है। महा शिवरात्रि के अवसर पर यहाँ एक अलग ही छटा देखने को मिलती है। शिव रात्रि से पूर्व संध्या पर यहाँ एक विशाल मेले का आयोजन होता है।
इसके अलावा आप सावन के महीने में भी यहाँ घूमने जा सकते है। सावन में भगवान् शिव के दर्शन का विशेष महत्व होता है।
इन समय पर आप नागेश्वर मंदिर जा सकते है।

Nageshwar Temple

नागेश्वर मंदिर के पास अन्य स्थान घूमने के लिए-Places to visit near Nageshwar temple

द्वारका धीश मंदिर

यह मंदिर 5 मंजिला बेहद खास मंदिर है। जो की प्रभु कृष्ण को समर्पित  है। इस मंदिर में करीब 72  स्तम्भ है और यह चुना पत्थर व् रेत से बना हुआ है। यदि आप नागेश्वर मंदिर आये है तो यहाँ जरूर आये

नागेश्वर मंदिर से दूरी 17 किलोमीटर

बेट द्वारका

बेट द्वारका ,द्वारका  स्थित एक प्रवाल द्वीप है। जो की कच्छ की कड़ी के मुहाने पर स्थित है। यहाँ आकर आप कई तरह की एक्टिविटी कर सकते है।  जैसे की डॉलफिन स्पॉटिंग , संदरी भ्रमण आदि

नागेश्वर मंदिर से दूरी 22 किलो मीटर

रुक्मणि मंदिर

यह मंदिर देवी रुक्मणि और भगवान् शिव को समर्पित है। यह मंदिर द्वारका के पुराने मंदिरो में से एक है। यहाँ आप जरूर आये।

नागेश्वर मंदिर से दूरी 18 किलोमीटर

भदकेश्वर मंदिर

यह मंदिर भगवान्य शिव को समर्पित है। यह मंदिर अरब सागर में उस स्थान पर बना है जहां भगवान् शिव स्वयंभू प्रकट हुए थे। मानसून के दौरान यह मंदिर अरब सागर में डूब जाता है। कुछ समय बाद पुनः बाहर निकल आता है। 

नागेश्वर मंदिर से दूरी 2 किलो मीटर

सुदामा सेतु

सुदामा सेतु गोमती नदी को पार करने के लिए बनाया गया एक सस्पेंशन ब्रिज है। जो की पड्डल यात्रिओ के लिए बनाया गया है।

नागेश्वर मंदिर से दूरी 17 किलो मीटर

नागेश्वर मंदिर के निकट धर्मशाला-Dharmshala near by Nageshwar temple

गायत्री अतिथि ग्रह धर्मशाला – यह धर्मशाला गायत्री शक्तिपीठ , द्वारका में स्थित है।

बिरला धर्मशाला –यह धर्मशाला बिरला मंदिर के निकट द्वारका में स्थित है।

पटेलवाड़ी धर्मशाला – यह धर्मशाला गोमती रोड द्वारका में स्थित है।

देवी भुवन धर्मशाला – यह धर्मशाला गोमती रोड , द्वारकाधीश मंदिर के निकट द्वारका में स्थित है।

रणछोड़ गुजराती धर्मशाला – यह धर्मशाला , गोमती रोड, मार्किट चौक , द्वारका में स्थित है।

कैसे पहुंचे नागेश्वर मंदिर-How to reach Nageshwar temple

जामनगर एयरपोर्ट से नागेश्वर मंदिर की दूरी 118 किलोमीटर।

द्वारका रेलवे स्टेशन से दूरी 18 किलोमीटर। 

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