उत्तराखंड की शिवालिक पहाड़ियों में बसा हुआ हरिद्वार हिंदू धर्म के सात पवित्र स्थलों में शामिल होने के साथ इसे कपिस्थान या गंगाद्वार भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान यहां पर अमृत की बूंदे गिरी थी, इसलिए यहां पर प्रति 12 वर्ष में कुंभ के मेले का आयोजन किया जाता है। पापों का नाश करने के लिए गंगा में डुबकी लगाने हेतु प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का यहां आना जाना लगा रहता है, जहां स्नान से हीं मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। यदि आप अभी हरिद्वार आए हैं, तो यहां पर स्थित प्रजापति समाज की धर्मशाला की सारी जानकारी आपको इस पोस्ट में उपलब्ध हो जाएगी।
कुम्हार समाज ट्रस्ट द्वारा संचालित की जाने वाली है धर्मशाला हरिद्वार में तीन मंजिला एक बड़ी इमारत में संचालित की जाती है। यहां से हरिद्वार के बहुत सारे मंदिर और मुख्य बाजार एकदम पास में हीं स्थित है। धर्मशाला के अंदर ही चौगान में आपको कार पार्किंग की सुविधा मिल जाती है। यह धर्मशाला तीन भागों में विभाजित होने के साथ आपको यहां पर वातानुकूलित तथा गैर वातानुकूलित कक्ष उपलब्ध हो जाते हैं। जहां वातानुकूलित कक्ष में आपको कम्बाइंड लेट-बाथ, कीचन, टेलीविजन और डबल बेड की सुविधा मिल जाती है, जिसका किराया 1200 रूपये होता है। यहां पर साधारण रूम का किराया 600 रूपये होता है, जिसमें आपको अटेच बाथरूम की सुविधा नहीं मिलती है।
धर्मशाला से गंगा नदी तक आप पैदल ही 5 मिनट में पहुंच सकते हैं। धर्मशाला के आसपास बहुत सारे भोजनालय, मेडीकल स्टोर, चाय दुकानें भी स्थित है। धर्मशाला में प्रजापति समाज के लोगों का किराया बहुत कम लगता है, जो फैमिली के हिसाब से एक बेहतरीन सुविधा प्रदान करता है। यहां के सारे रूम Well Furnished होने के साथ, बिल्कुल स्वच्छ होते हैं। यहां आपको बिजली और पानी की Supply चौबीस घंटे उपलब्ध होने के साथ, गर्म पानी के लिए भी गैस गीजर लगा हुआ है। यहां सभी हिन्दू समाज के लोग ठहर सकते हैं, पर यहां नियम है कि यदि आप अकेले हैं और आपके पास कोई सामान नहीं है तो आपको सिंगल रूम उपलब्ध नहीं कराया जाता है, इसके लिए आपको यहां के शयनकक्ष में ही आराम करना होगा।
तो दोस्तों यदि आप भी यदि हरिद्वार मां गंगा के स्नान करने आए हैं, तो यहां के कुमार भवन में जरूर ठहरिएगा और हमें कमेंट करके बताइएगा कि यह पोस्ट आपको कैसी लगी।
We, with our blogs, promotes the traveling lifestyle and helps in guiding people about all the aspects of exploring a new place, shaktipeeth, jyortirlinga, foods, temples, etc.