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Somnath Temple in Hindi: जाने मंदिर का रोचक इतिहास, दर्शन के लिए कब जाए, कैसे जाए और कहाँ ढहरे

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सोमनाथ मंदिर : सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग
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Somnath Mandir in Gujarat-गुजरात में स्थित सोमंथ मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी

सोमनाथ का अर्थ है – “सोम के भगवान् “ यानि की भगवान् का विशेषण  

सोमनाथ मंदिर : सर्वप्रथम ज्योतिर्लिंग

सोमनाथ मंदिर गुजरात में अरब सागर के तट पर प्रभास पाटन में स्थित है। भगवान् शिव को समर्पित Somnath Temple शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ऐसा कहा जाता है की यह भगवान् शिव का सबसे पहला ज्योतिर्लिंग है। 

सोमनाथ का अर्थ है – “सोम के भगवान् “ यानि की भगवान् का विशेषण। सोमनाथ का महत्व इस लिए और बढ़ जाता है क्योंकि यहाँ तीन नदियाँ कपिला, हिरन और पौराणिक सरस्वती का संगम है। पुराणों के अनुसान इसी संगम में नहा कर चंद्र देवता ने अपनी चमक वापिस पा ली थी। 

इस कारण से सोमनाथ का महत्व और बढ़ जाता है। 

Somnath Temple Location – Somnath Mandir Rd, Somnath, Gujarat 362268

सोमनाथ का इतिहास (Somnath temple history in hindi)

यदि भगवान् शिव के धाम सोमनाथ के इतिहास (History of somnath temple) की बात की जाये तो यह हज़ारो साल पुराना है।

हमारे पुराणों के अनुसार सोमनाथ मंदिर का निर्माण चंद्र देव ने हजारो साल पहले करवाया था। उस समय चंद्र देव ने इसे सोने का बनवाया था। उसके बाद सोमनाथ मंदिर का निर्माण सूर्य देव ने करवाया और उन्होंने इसे चाँदी से बनवाया था।

इनके बाद दोबारा सोमनाथ मंदिर का निर्माण भगवान् कृष्ण ने करवाया उन्होंने इसे लकड़ी का बनवाया था। उनके बाद अंत में इसे सोलंकी राजपूतो ने बनवाया और उन्होंने इसे पत्थर से बनवाया था।

लेकिन हमारा इतिहास कुछ और ही बताता है। इतिहास के अनुसार Old Somnath temple को मुस्लिम शासको ने करीब 17 बार नष्ट किया और लूटा। करीब 722 CE में सिंधु घाटी के मुस्लिम सूबेदार अल जुनैद ने सर्वप्रथम मंदिर को नष्ट किया उसके बाद 1024 CE के आस पास करीब 12 बार मोहम्म्मद गजनी ने मंदिर को लूटा और नष्ट किया। 1299 में अलाउद्दीन खिलजी ने मंदिर को नष्ट किया और अंत में रही सही कसर औरंगज़ेब ने मंदिर को नष्ट करके पूरी कर दी।

अंत में 1947 में आज़ादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने मंदिर का पुन: निर्माण करवाया जो आज भी कायम है।

मंदिर की वास्तु कला

समकालीन मंदिर की वास्तु कला चालुक्य शैली में है। मंदिर का मुख्य शिखर 150 फ़ीट ऊँचा है और इसके शीर्ष पर 27 फ़ीट ऊँचा ध्वजा स्तम्भ है। मंदिर के नक्काशी बेहद खूबसूरत है। इसके साथ-साथ यहाँ चाँदी के दरवाजे, नंदी की मूर्ति और केंद्र में विशेष शिवलिंग है।

मंदिर की सुरक्षा दिवार पर एक वाणस्तम्भ भी है जिसमे उल्लेख है की सोमनाथ मंदिर एक ऐसी जगह है जहाँ सोमनाथ समुद्र तट से अंटार्कटिका तक एक सीधी रेखा में कोई भूमि नहीं है।

सोमनाथ मंदिर से जुड़े कुछ रोचक तत्व (Facts About Somnath Temple)

• Somnath mahadev temple से जुडी कई कथाएँ प्रचलित है जिनमे से एक है – चंद्र देवता ने राजा दक्ष की 27 पुत्रियों के साथ विवाह रचाया था। लेकिन देवता चंद्र अपनी एक ही पत्नी से प्रेम करते थे। यह बात राजा दक्ष को बहुत परशान करती थी। अपनी पुत्रियों के साथ अन्याय होता देख राजा दक्ष बहुत परेशान हो जाते थे। इस कारण से राजा दक्ष ने चंद्र देवता को अभिशाप दे दिया की वह धीरे धीरे अपनी चमक खो देंगे। तब चंद देवता भगवान् शिव के पास गए और उनसे मदद मांगी। तब भगवान् शिव ने उन्हें उपाय बताया की सोमनाथ में मौजूद संगम में स्नान कर ले। ऐसा कर के चंद्र देवता को उनकी चमक वापिस मिल गई और उन्होंने यहाँ भगवान शिव का मंदिर बनवाया।

• आपको जान कर हैरानी होगी की यहाँ मौजूद शिवलिंग हवा में लटका हुआ है। हमारे पुराणों के अनुसार यह देवीय शक्ति के कारण है लेकिन वैज्ञानिको के अनुसार ऐसा चुम्बकीय शक्तियों के कारण है।

• यह मंदिर करीब 10 किलोमीटर तक फैला हुआ है और यहाँ करीब 42 छोटे बड़े मंदिर मौजूद है। यही वह स्थान है जहा भगवान् कृष्ण ने अपना देहत्याग किया था।

सोमनाथ में भगवान् शिव के दर्शन के लिए उत्तम समय क्या है (Best time to visit somnath temple)

आप सोमनाथ मंदिर सोमनाथ महादेव मेला पर जा सकते है यह नवंबर और दिसंबर में कार्तिक पूर्णिमा पर आयोजित होता है। इस के अलावा आप शिवरात्रि, गोलोकधाम उत्सव सोमनाथ स्थापना दिवस पर मंदिर जा सकते है।

इन अवसरों पर मंदिर एक विशेष ही आकर्षक रंग में रंगा हुआ नजर आता है।

दिन में किस समय मंदिर जाये (Somnath Mandir Aarti Time)

• आप मंदिर सुबह 6 बजे से शाम 9 बजे तक जा सकते है।

आरती का समय -: सुबह 7 बजे, दोपहर 12 बजे, और शाम 7 बजे है।

•  यदि आप इन प्रश्नो के उत्तर ढूंढ रहे है जैसे Somnath darshan online booking, Somnath darshan online registration, Somnath darshan, Somnath live darshan, Somnath Darshan booking Price इत्यादि तो आप सोमनाथ मंदिर की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाये और बिलकुल सटीक जानकारी प्राप्त करे जिसका लिंक है https://somnath.org

•  मंदिर में शाम को साउंड एंड लेज़र शो भी आयोजित होता है जो की 8 बजे से 9 बजे तक चलता है। इसके लिए आपको 25 रु फ़ीस देनी होगी। मंदिर में एंट्री निशुल्क है।

सोमनाथ मंदिर कैसे पहुंचे (How to reach Somnath Temple)

• हवाई जहाज द्वारा –
सोमनाथ मंदिर के सबसे निकट दीव एयरपोर्ट(Diu Airport) है। जो की सोमनाथ मंदिर से करीब 82 किलो मीटर दूर है। आप दीव एयरपोर्ट से बस या कैब के माध्यम से सोमनाथ मंदिर पहुंच सकते है।

• ट्रैन द्वारा –
सोमनाथ मंदिर का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन वेरावल रेलवे स्टेशन(Veraval Junction) है जो की मंदिर से 6.9 Km की दूरी पर है। वेरावल रेलवे स्टेशन से आप मंदिर जाने के लिए बस या कैब ले सकते है।

• बस द्वारा –
सोमनाथ मंदिर का सबसे नजदीकी बस स्टैंड सोमनाथ बस स्टैंड है जो की मंदिर से 550 मीटर की दूरी पर है। आप यहाँ से आसानी से पैदल चल कर मंदिर पहुंच सकते है।

समकालीन समय से मंदिर की व्यवस्था और संचालन का कार्य सोमनाथ ट्रस्ट के अधीन है। सरकार ने ट्रस्ट को जमीन, बाग़ बगीचे देकर आय का प्रबंध किया है। यह तीर्थस्थान पितृगणों के श्राद्ध, नारायण बलि आदि कार्यो के लिए बहुत प्रसिद्ध है। चैत्र, भद्रपद, कार्तिक माह में यहाँ श्राद्ध करने का विशेष महत्व है।

यहाँ की ऐसी मान्यता है की भगवान् शिव के ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्रा से लोगो के कष्ट दूर हो जाते है। सोमनाथ भगवान् की पूजा से भक्तो का कोढ़ व् अन्य रोग भी ठीक हो जाते है। इसलिए इस स्थान का बहुत अधिक महत्व है। यहाँ हर वर्ष देश विदेश से अनेक श्रद्धालु आते है

FAQs-

Q:  Hotel in somnath near mandir

Ans:  सोमनाथ मंदिर के पास बहुत से अच्छे होटल है जहां आप ढहर सकते है। आप खुद आसपास के होटलो में जानकारी ले सकते है या ऑनलाइन चेक कर सकते है जैसे, booking.com, makemytrip, oyo, आदि पर।    

Q: Dwarkadhish mandir gujarat

Ans:  द्वारकाधीश मंदिर(dwarkadhish mandir) द्वारका गुजरात में स्थित है इसे जगत मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। यह एक हिन्दू मंदिर है जो भगवान श्री कृष्णा को समर्पित है। 

Q: Ahmedabad to somnath mandir distance

Ans:  अहमदाबाद से मंदिर के बीच की दुरी 4Km है।      

Q: Somnath to dwarka distance

Ans:   मंदिर से द्वारका के बीच की दुरी 237Km है।

Q: Somnath dharamshala

Ans:   सोमनाथ में कई सारे अच्छे धर्मशाला है जिनके नाम है – Hotel Dev Inn, Hotel Triveni darshan, Hotel Shivaay, Hotel Sukhnath, Hotel Shree Rudraksh इत्यादि।  

Somnath dharamshala online booking करने के लिए आप इस वेबसाइट से कर सकते है https://yatradham.org/

Q: Places to visit in Somnath

Ans:    आराम करने के लिए समुद्री तट एक अच्छा जगह है सोमनाथ में। यहाँ आप कई चीजों का लुफ्त उठा सकते है जैसे- सोमनाथ लाइट एंड साउंड शो जिसे जय सोमनाथ भी कहते है ये रात को 8बजे होता है। सोमनाथ में घूमने के लिए कुछ स्थान हैं – त्रिवेणी संगम, सोमनाथ और पंच पांडव गुफा। सोमनाथ में आकर्षक स्थानों की यात्रा के लिए सोमनाथ दर्शनीय स्थलों की बस से भी जाया जा सकता है।

Q: Somnath trust

Ans:    सोमनाथ ट्रस्ट की ऑफिसियल वेबसाइट है https://somnath.org/ यहाँ से आप जो जानकारी चाहते है प्राप्त कर सकते है।  

Q:   Shree Somnath jyotirlinga temple

Ans:    Shree Somnath jyotirlinga temple, जिसे देव पाटन भी कहा जाता है, भारत के गुजरात में वेरावल के प्रभास पाटन में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है। यह हिंदुओं के लिए सबसे पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है और भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से पहला माना जाता है।

Q:  How many days are enough for Somnath?

Ans: सोमनाथ में आप इन स्थानों को घूम सकते है अहिल्या बाई का मन्दिर, प्राची त्रिवेदी, वाड़ातीर्थ, यादवस्थली। ऐसे में 2-3 दिन सोमनाथ घूमने के लिए काफी है।  

Q:    Somnath tour and travels

Ans:   Somnath tour and travels की जानकारी आप google my business पर सर्च करके प्राप्त कर सकते है या Just Dial, India Mart से भी जानकरी मिल जाएगी.

Q:  Resort near Shree Somnath 

Ans:   सोमनाथ में बहुत से खूबसूरत एवं आलिशान रिसोर्ट है जैसे – Woods At Sasan, Daksh Resort And Amusement Park, Carina Retreat Resort, Hotel Anil Farmhouse, Amidhara Resort, Lion Park Hotel and Resort.

Q:   Diu airport to somnath temple distance

Ans:   Diu airport to somnath temple distance is 82Km

Q:  Ahmedabad airport to somnath temple distance

Ans:     Ahmedabad airport to Somnath temple distance is 410Km

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1 thought on “Somnath Temple in Hindi: जाने मंदिर का रोचक इतिहास, दर्शन के लिए कब जाए, कैसे जाए और कहाँ ढहरे

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