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October 12, 2024

Kashi Vishwanath Temple, Varanasi│काशी विश्वनाथ मंदिर दर्शन और यात्रा से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी

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जानिये अद्भुत काशी विश्वनाथ धाम के बारे में: 3500 वर्षो से जीवित काशी में बसते है महाकाल।
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जानिये अद्भुत काशी विश्वनाथ धाम के बारे में: 3500 वर्षो से जीवित काशी में बसते है महाकाल।

काशी विश्वनाथ धाम (Kashi Vishwanath Dham)

भगवान् शिव जिन्हे महाकाल के नाम से हम सभी जानते है वह हमारे भारत की पावन भूमि काशी के कण कण में बसते है।

काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान् शिव का परमधाम है। काशी विश्वनाथ मंदिर सम्पूर्ण विश्व के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। काशी विश्वनाथ, भोले बाबा के चरणों में प्रतिदिन हज़ारो श्रद्धालु आते है। परंतु सोमवार के दिन का यहाँ विशेष महत्व है। वही श्रावण मास सोमवार के शुभ अवसर पर काशी में हज़ारो श्रद्धालु की अपार भीड़ होती है।

श्रद्धालुओं से भरे हुए मंदिर , मंत्रोउच्चारण की आवाज, घंटियों की मधुर ध्वनि, प्रसाद व फूल की खुशबु काशी के दृश्य को अति मनमोहक बनाती है।

यदि हम काशी के इतिहास की बात करे तो काशी का इतिहास सैकड़ो वर्ष पुराना है। काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी, उत्तर प्रदेश में स्थित है। काशी/वाराणसी एक धार्मिक शहर है। वाराणसी एक ऐसा शहर है जो की इतिहास में 3500 वर्षो से जीवित है। वही अगर काशी विश्वनाथ मंदिर की बात की जाए तो, काशी विश्वनाथ मंदिर का उल्लेख ऋग्वेद और काश्य युग में भी है। यदि काशी विश्वनाथ की संरचना के बारे में संक्षिप्त में कहा जाए तो मंदिर में तीन सोने के गुंबद है। जो कि मंदिर को एक राजश्री और असामान्य रूप देते हैं। मंदिर की मुख्य रचना अपने मूल स्थान से थोड़ी सी दूर है यह वही संरचना है जिसे अहिल्याबाई हेलकर ने सबसे अंतिम बार बनवाया था। मुख्य संरचना पर विशाल सोने का छत्र है। जिसे की महाराजा रणजीत सिंह ने बनवाया था।

मुख्य मंदिर में सुंदर शिवलिंग स्थापित है। इसके साथ-साथ कई छोटे मंदिर भी स्थापित है। मुख्य मंदिर में एक गर्भ ग्रह भी स्थापित है जिसमें कि भगवान शिव का बहुत ही सुंदर शिवलिंग है। यह वही गर्भ ग्रह जिसमें अभी ज्ञानवापी कुंड स्थापित है।

काशी विश्वनाथ का वर्षो पुराना इतिहास (What Varanasi famous for)

काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण सर्वप्रथम कैसे और कब हुआ इसका स्पष्ट उल्लेख इतिहास में नहीं है। सन 1194 में कुतुबुद्दीन ऐबक ने सर्वप्रथम काशी विश्वनाथ मंदिर को नष्ट किया था। इसके बाद इस मंदिर के स्थान पर एक मस्जिद का निर्माण करवाया गया। इस मस्जिद का निर्माण दिल्ली की सुल्तान रजिया सुल्तान ने करवाया था।

1211 से 1266 के मध्य गुजराती व्यापारी ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और इसमें भगवान शिव को दोबारा विराजित किया गया। 1479 से 1517 के मध्य सिकंदर लोदी ने इसे पुनः ध्वस्त किया और इसके बाद राजा मानसिंह और राजा टोडरमल ने मंदिर का पुनर्निर्माण करवाया और मंदिर की मूल संरचना बनवाई जैसा कि मंदिर आज दिखाई देता है।

सन 1659  से  1669 में औरंगजेब ने मंदिर को नष्ट कर दिया और वहां ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण करवाया।

1777 से 1780 के मध्य अहिल्याबाई हेलकर ने अंतिम बार मंदिर का निर्माण करवाया। यह मंदिर की संरचना वही संरचना है जो आज भी मंदिर में मौजूद है। 

नव निर्मित काशी विश्वनाथ मंदिर की विशेषताएं (Importance of Kashi Vishwanath Temple)

काशी विश्वनाथ मंदिर का मुख्य आकर्षण मंदिर परिषद् है। जिसमे निर्मित मंदिर और परागण का विशेष महत्व है। कॉरिडोर निर्माण के दौरान 27 छोटे छोटे मंदिरो का पुनःनिर्माण करवाया गया है।  

  • मंदिर परिसर      – काशी विश्वनाथ मुख्य मंदिर परिसर में चार भव्य द्वार है। जिनकी वास्तु कला बेहद भव्य है। मंदिर में विशेष वास्तु कला का उपयोग किया गया है।
  • वाराणसी गैलरी  – वरुणेश्वर मंदिर के निकट एक भव्य महल बनवाया गया है। इस भवन का क्षेत्रफल 375  वर्ग मीटर है।  इस भवन की दीवारों पर काशी की आध्यात्मिक और धार्मिक व्याख्या की गई है।
  • सिटी म्यूजियम   – यह भवन काशी जाने वाले यात्रियों को काशी से जुडी प्राचीन वस्तुओ की जानकारी देता है।
  • टूरिस्ट फैसिलिटी – यह भवन आने ववाले यात्रिओ के लिए बनाया गया। यहाँ यात्रिओ को सभी प्रकार की सुविधा उपलब्ध होगी।

बाबा विश्वनाथ से जुडी पौराणिक कथाएँ (Why is Kashi sacred?)

 काशी विश्वनाथ मंदिर के बारे में ऐसी बहुत सारी बातें हैं जिन्हें अभी तक शायद ही कोई जानता है। जैसे कि —

  • इतिहास की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव काशी विश्वनाथ में निवास करते हैं।
  • भगवान शिव के त्रिशूल पर काशी बसी हुई है भगवान शिव ही काशी के पालन कर्ता है।
  • काशी विश्वनाथ मंदिर के ऊपर एक सोने का छत्र लगा हुआ है। जो भी श्रद्धालु इस क्षेत्र के दर्शन कर लेता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
  • पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जब भगवान शिव पृथ्वी का निर्माण कर रहे थे तो सूर्य की सबसे पहली किरण काशी पर पड़ी थी।
  • वेदों के अनुसार जिस व्यक्ति का देहवसान काशी में होता है उसे स्वयं भगवान शिव मोक्ष प्राप्त करवाते हैं।
  • काशी में भगवान के एकमात्र दर्शन से ही हर व्यक्ति के दुःख, कष्ट, पाप सभी दूर हो जाते है।
  • पुराणों के अनुसार  काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण भगवान शिव ने उस वक्त करवाया था। जब उनकी सास ने उन्हें अपना घर बनाने के लिए कहा था उस वक्त भगवान शिव ने निकुंज को काशी में भेज कर अपना स्थान बनवाया था। उसके बाद देवी पार्वती और भगवान शिव यहां रहने लगे थे। देवी पार्वती अपने निवास स्थान में बहुत प्रसन्न थी और इसी खुशी में उन्होंने सब को भोजन करवाया था तभी से उन्हें माता अन्नपूर्णा के नाम से जाना जाता है।
  • जब औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था तो वहां की जनता ने भगवान शिव को बचाने के लिए  गर्भ गृह में  भगवान शिव को विराजित कर दिया था। तब से भगवान भगवान शिव वह विराजित है।

कैसे पंहुचा जाए बाबा की नगरी (How to Reach Kashi Vishwanath Temple)

1. काशी विश्वनाथ जाने के लिए आप किसी राज्य परिवहन के बस से वाराणसी आ सकते है वह से मंदिर के लिए आपको बस या रिक्सा मिल जायेगा।

2.यदि आप ट्रैन से काशी जाना चाहते है तो अपने राज्य से ट्रैन द्वारा वाराणसी रेलवे स्टेशन जा सकते है।  वह से ऑटो लेकर आप बाबा के मंदिर पहुंच सकते है।

3.यदि आप हवाई यात्रा के जरिये काशी जाना चाहते है तो आप वाराणसी के हवाई पर पहुंच कर भी काशी पहुंच सकते है।

4.काशी विश्वनाथ मंदिर से एयरपोर्ट के बीच की दुरी 23 Km है. (Varanasi Temple to Airport distance)

5.काशी विश्वनाथ मंदिर से वाराणसी रेलवे स्टेशन के बीच की दुरी 4.5 Km है. (Kashi Vishwanath temple to Varanasi Railway Station distance)

काशी विश्वनाथ मंदिर में बाबा के दर्शन का समय (Kashi Vishwanath temple Varanasi timings)

बाबा के कपाट सुबह 2:30 बजे खुलते है और रात को 11:00

बजे बंद हो जाते है। मंदिर में इस दौरान बहुत सारे कार्यक्रम होते है जैसे की –

दर्शन का समय – सुबह 4 बजे से 11 बजे तक, दोपहर में 12 बजे से 7 बजे तक, शाम 8 :30 बजे से 9 बजे तक।
मंगला आरती – सुबह 3 बजे से 4 बजे
दोपहर का भोग – 11:30 से 12 तक
सप्तर्षि आरती – शाम 7 से 8 :30 बजे
श्रृंगार भोग – रात 9 बजे
शयन आरती – रात 10:30 बजे

Kashi Vishwanath Temple Aarti booking

बाबा का ऑनलाइन दर्शन करने के लिए इस लिंक पर जाकर बुकिंग कर सकते है।

https://shrikashivishwanath.org

यह थी बाबा महाकाल के परम धाम काशी के बारे में कुछ जानकारी। बाबा महाकाल के धाम के बारे में जितना कहा जाये उतना कम है। एक बार बाबा के धाम जरूर जाये।

FAQs

Q:  Why is Kashi Vishwanath famous? काशी विश्वनाथ क्यों प्रसिद्ध है?

Ans: काशी विश्वनाथ वहां मौजूद शिव ज्योतिर्लिंग और माँ गंगा के कारण प्रसिद्ध है।

Q:   Who built Kashi Vishwanath? काशी विश्वनाथ किसने बनवाया था?

Ans:   वर्तमान काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई होल्कर ने कराया था। प्राचीन समय से यह हिंदू धर्म के सबसे प्रमुख और श्रद्धेय केंद्रों में से एक रहा है.

Q:   Hidden Shivling in Kashi?

Ans:   ज्ञानवापी कुआं मुख्य मंदिर के उत्तर दिशा में स्थित है और शिवलिंग को कुए में छिपा दिया गया था जब मुग़लो ने इसपर आक्रमण किया था, यह मान्यता है की शिवलिंग को बचाने के लिए मंदिर के मुख्य पुजारी उसे लेकर कुए में कुंद गए थे।  

Q:   Kashi vishwanath corridor kya hai?

Ans:  काशी विश्वनाथ कॉरिडोर एक परियोजना है जिसके तहत वाराणसी के विश्वनाथ मंदिर का सौन्दर्यीकरण, कॉरिडोर, शॉप्स,घाट्स, लाइट्स, बिल्डिंग्स, इत्यादि अतय्न्त आधुनिक सुविधाएं  विकसित की गयी है इसका कुल एरिया लगभग 5 लाख स्कवायर फुट का है जिसमें 23 छोटी-बड़ी इमारतें तथा 27 मंदिर है। इस पूरे कॉरिडोर को 3 भागों में विभाजित किया गया है तथा इसमें 4 विशालकाय गेट एवं प्रदक्षिणा मार्ग पर संगमरमर के 22 शिलालेखों का निर्माण किया गया है जिनमें काशी की महिमा- गरिमा का उल्लेख किया गया है।

Q:    Kashi Vishwanath Dham- काशी विश्वनाथ धाम

Ans:  काशी विश्वनाथ मंदिर जिसको काशी धाम भी कहा जाता है काशी विश्वनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। यह भारत में उत्तर प्रदेश के वाराणसी के विश्वनाथ गली में स्थित है।

Q:  Maharaja Ranjit Singh Kashi Vishwanath

Ans:  वर्तमान मंदिर का निर्माण इंदौर की महारानी अहिल्या बाई होल्कर द्वारा सन 1780 में करवाया गया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह द्वारा 1853 में 22 मन शुद्ध सोने द्वारा मंदिर के शिखर को मंडित कराया और कलश स्थापित कराया।

Q:   Kashi Vishwanath train varanasi to delhi running status

Ans:    ट्रेन का स्टेटस बहुत सारे apps से चेक किया जा सकता है।

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