Trimbakeshwar Temple in Hindi: त्रिम्बकेश्वर मंदिर की सम्पूर्ण जानकारी
Piyush Kumar September 10, 2022 1
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ToggleTrimbakeshwar Temple in Nashik-जानिये त्रिम्बकेश्वर मंदिर से जुडी कहानी, पता, पूजा का समय, दर्शन का समय, आस पास घूमने का जगह इत्यादि
त्रिम्बकेश्वर मंदिर भगवान् शिव को समर्पित है। त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान् शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
त्रिम्बकेश्वर मंदिर इसलिए भी अधिक महत्व रखता है क्योंकि यहाँ दर्शन मात्र से ही ब्रह्मा, विष्णु , महेश तीनो के साक्षात् दर्शन हो जाते है।
त्रिम्बकेश्वर मंदिर का पता-Trimbakeshwar temple location
त्रिम्बकेश्वर मंदिर महाराष्ट्र के नासिक शहर से 28 किलो मीटर दूर त्रियंबक शहर की ब्रह्मगिरि पहाडिओ में स्थित है।
त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग कथा-Trimbakeshwar jyotirling story
पुराणों के अनुसार एक बार गौतम ऋषि के खेत में गाय पूरा खेत चर जाती है। अपने खेत बर्बाद होता देख गौतम ऋषि को गुस्सा आ जाता है और वह गाय के ऊपर एक नुकीली दूब (घास) फेक कर गाय की हत्या कर देते है। इससे गौतम ऋषि पर गौ हत्या का अपराध लग जाता है।
सभी ऋषि मुनि गौतम ऋषि द्वारा जो हत्या होने पर उन्हें श्राप दे देते है। गौतम ऋषि को अपनी गलती का एहसास होता है। गौतम ऋषि प्रायश्चित के लिए सभी ऋषिओ से माफ़ी मांगते है। ऋषि मुनि कहते है की यदि आप प्रायश्चित करना चाहते है तो आपको गंगा में स्नान करना होगा। गंगा में स्नान के बाद ही आपका गौ हत्या का पाप धूल पायेगा।
गौतम ऋषि माता गंगा को जमीन पर लाने के लिए बहुत तपश्या करते है। गौतम ऋषि की तपश्या से प्रसन्न होकर भगवान् शिव माता गंगा को जमीन पर उतार देते है। गौतम ऋषि कुशावर्त नामक एक कुंड में थोड़ा सा पानी एकत्र कर लेते है और बाकी माता गंगा गोदावरी रूप में आगे वह जाती है।
इसी कुशावर्त कुंड में गौतम ऋषि स्नान कर के अपने पाप का प्रायश्चित करते है। गौतम ऋषि भगवान् शिव से मांगते है की वह भी यहाँ शिवलिंग रूप में विराजमान हो जाए। तभी से भगवान् शिव वहां त्रिम्बकेश्वर ज्योतिर्लिंग रूप में विराजमान है।
त्रिम्बकेश्वर मंदिर संरचना -Trimbakeshwar temple architecture
त्रिम्बकेश्वर मंदिर नागर शैली में बना हुआ है। यह मंदिर मुख्य रूप से काले पथरो का बना हुआ है। आप जैसे ही मंदिर में जायेगे वैसे आपको एक विशाल प्रागण देखने के लिए मिलेगा। इसके साथ साथ मंदिर में एक गर्भ ग्रह और मंडप भी है।
मंदिर हाल में मुख्य तीन द्वार है।
मंदिर की दीवारों और खम्भों पर फूलो, हिन्दू देवी देवताओ के चित्रों को बेहद खूबसूरती से उकेरा गया है।
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त्रिम्बकेश्वर मंदिर जाने का समय-Trimbakeshwar temple darshan timing
मंदिर सुबह 5:30 से रात 8 बजे तक खुला रहता है।
रुद्राभिषेक सुबह 6 बजे से 8 बजे तक
विशेष पूजा – सुबह 9 बजे से 12 बजे तक
मध्यान पूजा – दोपहर 1 बजे से 1:30 बजे तक
शिव का स्वर्ण मुकुट पूजा शाम 4:30 से 5:30 तक
त्रिम्बकेश्वर पूजा बुकिंग ऑनलाइन-Trimbakeshwar pooja online booking
मंदिर में की जाने वाली सभी विशेष पूजा की बुकिंग के लिए आप मंदिर की वेबसाइट पर जा कर अपनी इच्छा अनुसार पंडित चुनकर। उनसे बात करके बुकिंग कर सकते है।
कालशर्प निवारण पूजा
यह पूज ग्रहो की अवस्था की वजह से हो रहे दोषो के निवारण के लिए की जाती है।
नारायण बलि पूजा
पितृ दोषो की मुक्ति और पूर्वजो के श्राप से मुक्ति पाने के लिए पूजा करवाई जाती है।
श्री पिंडी श्राद्ध पूजा
मृत व्यक्तिओ की आत्मा की शांति के लिए यह पूजा करवाई जाती है।
कुम्भ विवाह पूजा
जिन स्त्री पुरुष के विवाह में कुंडली दोषो के कारण विलम्ब होता है। उनके जल्दी विवाह के लिए यह पूजा करवाई जाती है।
महा मृत्युंजय मंत्र
भगवान् शिव से सुखी जीवन की कामना करने के लिए यह पूजा करवाई जाती है।
रुद्राभिषेक
भगवान् शिव के अभिषेक के लिए यह पूजा करवाई जाती है।
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त्रिम्बकेश्वर मंदिर ऑफिसियल वेबसाइट -Trimbakeshwar temple official website
www.trimbakeshwar.org
त्रिम्बकेश्वर मंदिर के निकट घूमने लायक अन्य स्थान -Place to visit near Trimbakeshwar temple
मुक्ति धाम, नासिक
मुक्ति धाम मंदिर सफ़ेद संगमरमर से बना बेहद ख़ूबसूरत मंदिर है। यहाँ आप बारह ज्योतिर्लिंगों की प्रतिकीर्ति देख सकते है। इसके अलावा यहाँ महाभारत और भगवान् श्री कृष्ण के जीवन से जुड़े शिलालेख भी है।
रामकुंड, नासिक
यह वह स्थान है जहा पर भगवान् राम ने अपने पिता की मृत्यु का अनुष्ठान कार्य किया था। यहाँ वर्ष भर लोग आते है। अधिकतर लोग यहाँ अपने प्रियजनों की मोक्ष प्राप्ति की इच्छा के लिए आते ।
पांडव लेनी गुफाये
पांडवलेनी गुफाये 24 रॉक कट गुफाये है। यह गुफाये पवित्र बौद्धिक स्थलों में से एक है। यहाँ पर बौद्ध धर्म की स्थापना के समय के शिलालेख, नक्काशी , स्तूप, और प्रार्थना कक्ष भी देखने के लिए मिल जायेगे।
पंचवटी नासिक
पंचवटी हिन्दू भक्तो के लिए बेहद खास है यह वह स्थान है जहां माता सीता 14 वर्षो के वनवास के दौरान रही थी। यदि आप त्रिम्बकेश्वर आते है तो यहाँ जरूर आये।
तपोवन नासिक
तपोवन का हिन्दू धर्म में विशेष स्थान है। यहाँ ऋषि मुनि तपश्या किया करते है। तपोवन वह स्थान है जहां पर प्रभु लक्ष्मण ने सूपनखा की नाक काटी थी। यदि आप त्रिम्बकेश्वर आते है तो कुछ वक़्त निकाल कर यहाँ आये।
त्रिम्बकेश्वर मंदिर जाने का उत्तम समय-Best time to visit Trimbakeshwar temple
आप मंदिर कभी भी आ सकते है। लेकिन यदि आप अक्टूबर से मार्च के बीच मंदिर आना चाहते है तो यह समय सबसे उत्तम है। इस समय मौसम भी अच्छा होता है और आप आसानी से भगवान् शिव के दर्शन कर सकते है। इनके अलावा आप कुम्भ मेला , महाशिवरात्रि , त्रिपुरी पूर्णिमा , रथ पूर्णिमा आदि के अवसर पर भी आ सकते है।
त्रिम्बकेश्वर मंदिर के पास धर्मशाला-Dharmshala near by trimbakeshwar
श्री महेश्वरी भक्ति निवास –
श्री महेश्वरी भक्ति निवास त्रिम्बकेश्वर बस स्टैंड से 0.3 किलो मीटर की दूरी पर स्थित है। आप यदि त्रिम्बकेश्वर आते है तो यहाँ रुक सकते है।
हरदेश्वर भक्त निवास
हरदेश्वर भक्त निवास त्रिम्बकेश्वर बस स्टैंड से 0.7 किलो मीटर की दूरी पर है। आप यहाँ भी रुक सकते है।
श्री गंगा गिरी महाराज आश्रम
यह धर्मशाला त्रिम्बकेश्वर बस स्टैंड से 0.6 किलोमीटर की दूरी पर है। आप यहाँ भी रुक सकते है।
कैसे पहुंचे त्रिम्बकेश्वर मंदिर-How to reach Trimbakeshwar temple
फ्लाइट द्वारा – आप फ्लाइट द्वारा नासिक एयरपोर्ट पर उतर कर आसानी से त्रिम्बकेश्वर मंदिर आ सकते है। नासिक एयरपोर्ट से त्रिम्बकेश्वर मंदिर की दूरी 55 किलो मीटर है।
ट्रैन द्वारा –आप नासिक रेलवे स्टेशन पर उतर कर आसानी से मंदिर पहुंच सकते है। नासिक रेलवे स्टेशन से त्रिम्बकेश्वर मंदिर की दूरी किलोमीटर है।
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Piyush Kumar
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