हरियाणा राज्य में स्थित जिंद शहर को महाभारत के पांडवों द्वारा बसाया गया था, जो कुरुक्षेत्र का एक अभिन्न अंग भी रहा है। यहां पर जयंती देवी का मंदिर होने से इस शहर का नाम जिंद पड़ा था। यहां पर जयंती देवी मंदिर के अतिरिक्त भूतेश्वर मंदिर, वराह मंदिर, रानी का तालाब, जींद का किला आदि प्रसिद्ध स्थलों में से प्रमुख है। यदि आप भी जिंद आए हैं, तो यहां की जाट धर्मशाला का उल्लेख हमारी इस पोस्ट में किया गया है, जो आप के ठहरने के लिए बहुत काम आएगी।
JAAT BHAVAN JIND –जाट धर्मशाला जिंद
जाट धर्मशाला जिंद की सबसे बड़ी और प्रमुख धर्मशाला में से एक है। इस धर्मशाला का उद्घाटन सन् 2000 में तात्कालिक मुख्यमंत्री माननीय श्री ओम प्रकाश जी चौटाला के कर कमलों से किया गया था। इस धर्मशाला के महत्वपूर्ण कार्यों का निर्वहन जाट धर्मार्थ सेवा अर्बन एस्टेट जिंद द्वारा किया जाता है। यहां आए समस्त दान के पैसों से तरह-तरह के नवाचार और नवनिर्माण के कार्य किए जाते हैं।
जाट धर्मशाला जींद में रहने की व्यवस्था
यहां पर आपको कम कीमत में अच्छे और बड़े रूम में आपको ठहरने की आरामदायक सुविधाएं प्राप्त हो सकेगी। यहां का परिसर काफी विशाल होने से आप पारिवारिक फंक्शन का भी आयोजन कर सकते हैं। यहां पर पढ़ाई करते आने वाले जाट समाज के छात्रों के लिए धर्मशाला के बेसमेंट में बहुत ही कम कीमत या कह सकते हैं कि एकदम निशुल्क रेट पर कमरे उपलब्ध हो जाते हैं और उनकी सुविधाओं के लिए लाइब्रेरी और कंप्यूटर जैसी तमाम हॉस्टल टाइप सुविधाएं मिल जाती है। किसानों और गरीबों के लिए या जो रूपये देने में असक्षम है उनके लिए साथ सुविधाएं मुफ़्त उपलब्ध करायी जाती है।
इस धर्मशाला की सबसे अच्छी खासियत यह है कि यहां आपको बेडशीट बिल्कुल स्वच्छ और धुली हुई मिल जाती है। रात्रि ठहरने के लिए यहां कमरों का किराया ₹400 से लेकर ₹900 तक है यहां पर आपको भोजन जैसी सुविधाएं ₹40 प्रति थाली के हिसाब से मिल जाती है तथा छात्रों और गरीबों के लिए यह सुविधा भी निशुल्क है।
(जाट धर्मशाला रोड़, ब्लाॅक A, सेक्टर 10, ईश्वर नगर, पटियाला चौक, अर्बन एस्टेट, जिंद, हरियाणा, 126102)
तो दोस्तों आप भी पांडवों की इस भूमि पर पधारें है तो हमारी बताई इस जाट धर्मशाला में ठहरकर यहां की सारी सुविधाओं का लाभ लें और हमें कमेन्ट करके बताएं कि हमारी यह पोस्ट आपके कितने काम आयी है।
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