भरत के क्रन्तिकारी भगत सिंह जिन्होंने अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ भाग लिया था। गलत तरीके से ही सही लेकिन इन्होंने अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। जिस वजह से इन्हे फांसी में भी चढ़ाया गया था। इनकी ज़ुबान से नीलके शब्दों ने लोगो को काफ़ी प्रेरित किया है। तो आइये ‘bhagat singh quotes’ के बारे में जानते है।
Top Quotes of Bhagat Singh
ज़िंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है दुसरो के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाएं जाते है
एक प्रेमी, एक पागल और एक कवि सभी एक ही चीज से बने हैं।
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से,अगर मैं इश्क़ लिखने का प्रयास करू तो कलम से इंक़लाब लिख जाता है।
जिंदगी अपनी है, दूसरों की मदद सिर्फ अंत्येष्टि में चाहिए।
5.लेकिन मनुष्य का कर्तव्य प्रयास करना और प्रयास करना है, सफलता अवसर और वातावरण पर निर्भर करती है।
निर्दयी आलोचना और स्वतंत्र चिंतन क्रांतिकारी चिंतन के दो आवश्यक लक्षण हैं।
मैं एक आदमी हूं और मानव जाति को प्रभावित करने वाली हर चीज मुझसे संबंधित है।
दर्शन मानवीय कमजोरी या ज्ञान की सीमाओं का परिणाम है।
प्रेम हमेशा मनुष्य के चरित्र को ऊँचा उठाता है। यह उसे कभी कम नहीं करता है, बशर्ते प्यार प्यार हो।
राख का एक-एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है मैं ऐसा पागल हूं कि जेल में भी आजाद हूं।
मैं उस सर्वशक्तिमान सर्वोच्च होने के अस्तित्व को नकारता हूं।
राजा के विरुद्ध विद्रोह हर धर्म के अनुसार हमेशा एक पाप है।
क्रान्ति में आवश्यक रूप से उग्र संघर्ष शामिल नहीं था। यह बम और पिस्तौल का पंथ नहीं था।
धर्म मानवीय कमजोरी या मानव ज्ञान की सीमा का परिणाम है।
आत्मनिर्भरता को हमेशा घमंड के रूप में व्याख्यायित किया जा सकता है। यह दुखद और दयनीय है लेकिन कोई मदद नहीं है।
क्रन्तिकारी भगत सिंह के इन विचारों को पढ़कर आपको कैसा लगा क्या आप भगत सिंह के विचारों से प्रभावित हैं. हमें कमेंट सेक्शन के माध्यम से जरूर बताएं। और क्या आपको हमारा ब्लॉग “Top Quotes of Bhagat Singh” पसंद आया ?
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