प्रसिद्ध भारतीय राजनीतिज्ञ और समाज सुधारक कांशीराम जी बहुजन समाजवादी पार्टी के जनक हैं। कांशीराम ने हमेशा दलितों के खिलाफ हो रहे अन्याय का विरोध किया । बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपना आदर्श मानने वाले कांशीराम ने हमेशा ही पिछड़े वर्ग को आगे लाने का प्रयास किया और भीमराव अंबेडकर के मूल्यों को धरातल पर उतारने का प्रयास किया। अपनी पार्टी के माध्यम से उन्होंने उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचा दी थी। इस मजबूत छवि वाले राजनेता ने कभी अपने उसूलों के साथ समझौता नहीं किया।
आज के इस ब्लॉग में हमने कांशीराम के द्वारा कहे गये कुछ चुनिंदा “Top Quotes of Kanshiram” के बारे में बताया है .
Top Quotes of Kanshiram
वह समुदाय मृत शरीर के समान है जिनका कोई प्रतिनिधि नहीं है। राजनीतिक व्यवस्था में अपने आप को स्थापित करने के लिए मजबूत प्रतिनिधित्व की आवश्यकता होती है।
अगर इच्छाएं सच्ची है तो आप उसके लिए रास्ते स्वयं निकालेंगे, लेकिन अगर इच्छाएं झूठी है , तो आप बहाने भी स्वयं बनाएंगे।
हम जातिवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं, और उनसे भी लड़ेंगे जो जाति पर विश्वास करते हैं।
किसी सफर में अगर आप पीछे रह गए हैं, तो इसके लिए कोई और नहीं बल्कि आप स्वयं दोषी हैं।
5.संघर्ष की परिभाषा वही समझा सकते हैं जिनका स्वाभिमान जीवित है, मरे हुए स्वाभिमान के साथ तो गुलामी होती है।
मैं खुद को कभी एक नेता के रूप में नहीं देखता हूं, मेरी कार्य क्षमता अधिक है ,इसलिए कार्यकर्ता कहते हैं कि मैं बड़ा कार्यकर्ता हूं।
मेरे पूरे जीवन का एक ही लक्ष्य है कि हमारे देश में समानता की भावना खत्म हो जाए।
जब तक इस देश में जाति व्यवस्था है, तब तक मेरा समुदाय उस जाति का लाभ उठाएगा, अगर किसी को कोई समस्या है तो वह जाति प्रथा को खत्म कर सकता है।
हमने एक दशक तक समाज की व्यवस्था से न्याय मांगा है,और हमें न्याय नहीं मिला है इसलिए हथकड़ियां खोलने में ही भलाई है।
सत्ता सफलता की चाबी है, अगर हमारे हाथों में सत्ता की शक्ति होगी तो ही हम सामाजिक और आर्थिक रूप से बदलाव ला सकेंगे।
हमे सामाजिक रूप से नही चाहिए, बल्कि हम चाहते हैं कि पूरा समाज ही बदल जाए।
जिस स्थान पर ब्राह्मणवाद सफल है वहां पर कोई और वाद चल नहीं सकता है, इसलिए हमें संरचनात्मक रूप से परिवर्तन लाना होगा।
मैं अपनी पार्टी में ऊंची जातियों को शामिल नहीं करता, क्योंकि वे हमेशा लीडर होते हैं और वे हमें सिस्टम में बदलाव लाने से रोक सकते हैं।
मैं महात्मा गांधी को शंकराचार्य और मनु की श्रेणी में रखना चाहता हूं क्योंकि 52% ओबीसी आरक्षण का श्रेय उन्हें ही जाता है।
जब सत्ता में एक अच्छा नेता होता है तो जनता को न्याय मिलता है,लेकिन जब बुरा नेता सत्ता में आता है तो वह उस न्याय को अन्याय में बदल देता है।
श्रीमान कांशीराम के इन विचारों को पढ़कर आपको कैसा लगा क्या आप कांशीराम के विचारों से प्रभावित हैं. हमें कमेंट सेक्शन के माध्यम से जरूर बताएं। और क्या आपको हमारा ब्लॉग “Top Quotes of kanshiram” पसंद आया ?
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